आर्मीनिया-अजरबैजान युद्ध पीड़ितों के लिए मानवीय मदद की बड़ी पहल की
अजरबैजान ने इस हफ्ते क्षेत्र में आक्रामक सेना अभियान चलाया था। नागोर्नो-काराबाख अजरबैजान में है, लेकिन 1994 में समाप्त हुई अलगाववादी लड़ाई के बाद से ही यह आर्मीनियाई सेना के नियंत्रण में था। आर्मीनियाई बलों ने अजरबैजान के आसपास के बड़े क्षेत्र पर भी कब्जा कर लिया था। अजरबैजान ने 2020 में आर्मीनिया के साथ छह हफ्ते तक चली लड़ाई में अपने आसपास के क्षेत्र को फिर से नियंत्रण में ले लिया था। रूस की मध्यस्थता में युद्धविराम किया गया था और 2,000 रूसी शांति रक्षकों का एक दल युद्ध विराम की नज़र के लिए क्षेत्र में भेजा गया। अजरबैजान ने मंगलवार को नागोर्नो-काराबाख में जातीय आर्मीनियाई बलों के विरुद्ध भारी गोलाबारी प्रारम्भ की थी। इसके एक दिन बाद युद्ध विराम की घोषणा की गयी जिससे क्षेत्र में तीसरी बार व्यापक पैमाने पर युद्ध की संभावना समाप्त हो गयी।
नागोर्नो-काराबाख की स्थिति को लेकर अब भी सवाल
बहरहाल, नागोर्नो-काराबाख की आखिरी स्थिति को लेकर अब भी प्रश्न बना हुआ है। रूस की समाचार एजेंसी ‘आरआईए नोवोस्ती’ ने शनिवार को टैंक, हवाई रक्षा प्रणालियों और अन्य हथियारों की फोटोज़ प्रकाशित की। ऐसा दावा है कि ये हथियार प्रांत के अलगाववादी बलों ने अजरबैजानी सेना को सौंप दिए हैं। अजरबैजान के आक्रमण के मद्देनजर रूसी शांतिरक्षकों ने नागोर्नो-काराबाख से सैकड़ों जातीय आर्मीनियाई नागरिकों को निकाला। आर्मीनिया के विदेश मंत्री अरारात मिर्जोयान ने शनिवार को संयुक्त देश से विभिन्न एजेंसियों के प्रतिनिधियों को मानवाधिकारों, मानवीय स्थिति और सुरक्षा स्थिति पर नजर रखने के लिए फौरन नागोर्नो-काराबाख भेजने का आह्वान किया। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने शनिवार को एक बयान में बोला कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने आर्मीनिया के पीएम निकोल पाशिनयान से बात की और नागोर्नो-काराबाख में ‘‘जातीय आर्मीनियाई जनसंख्या के लिए गहन चिंता’’ जतायी।
अजरबैजान ने कही ये बात
अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के कार्यालय ने शनिवार को बोला कि बाकू ने नागोर्नो-काराबाख के निवासियों को चिकित्सा देखभाल, भोजन और अन्य बुनियादी सुविधाएं मौजूद कराने के लिए एक ‘‘कार्यकारी समूह’’ गठित किया है। अजरबैजान के प्राधिकारियों ने शनिवार को कहा कि उन्होंने प्रांत में 60 टन से अधिक ईंधन पहुंचाया है। ‘इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रॉस’ ने भी शनिवार को कहा कि उसने लाचिन गलियारे के जरिए नागोर्नो-काराबाख में 70 टन मानवीय सहायता भेजी है। (एपी)