सऊदी अरब के इस ऐलान के बाद ताश के पत्तों की तरह बिखर गए सैकड़ों मुस्लिम देश
सबसे शक्तिशाली मुसलमान राष्ट्र सऊदी अरब ने एक ऐसा घोषणा किया है जिसने पूरी दुनिया में हलचल पैदा कर दी है। सऊदी अरब के घोषणा के बाद दुनिया को अकड़ दिखाने वाले सैकड़ों मुसलमान राष्ट्र ताश के पत्तों की तरह बिखर गए हैं। सऊदी अरब के इस निर्णय का असर हिंदुस्तान पर भी पड़ेगा। लेकिन इसके बावजूद हिंदुस्तान का एक बड़ा वर्ग सऊदी अरब के इस निर्णय से बहुत खुश है। सऊदी अरब ने अपने राष्ट्र में गाजा और फिलिस्तीन के लिए प्रार्थना करने वाले लोगों के विरुद्ध एक्शन लेना प्रारम्भ कर दिया है। सऊदी अरब ने इस्लाम के दो सबसे पवित्र स्थलों मक्का और मदीना से कई लोगों को हिरासत में लिया है। ये लोग एक एजेंडे के अनुसार मक्का और मदीना में फिलिस्तीन के समर्थन में नारेबाजी करने आए थे।
फ़िलिस्तीन के लिए समर्थन की घोषणा के बावजूद, सऊदी अरब कथित तौर पर गाजा के लिए प्रार्थना करने वाले लोगों को हिरासत में ले रहा है। क्षेत्रीय रिपोर्टों में बोला गया है कि राज्य मक्का के पवित्र स्थल पर गाजा के लिए प्रार्थना करने वाले लोगों को हिरासत में ले रहा है। मिडिल ईस्ट आई की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक ब्रिटिश अदाकार और प्रस्तुतकर्ता इस्लाह अब्दुर-रहमान को सऊदी ऑफिसरों ने तीर्थयात्रा के दौरान हिरासत में लिया था।
समाचार एजेंसी से बात करते हुए ब्रिटिश अदाकार ने मक्का की अपनी यात्रा का जिक्र किया। मेरे सिर के चारों ओर एक सफेद केफियेह और मेरी कलाई के चारों ओर एक फिलिस्तीनी रंग की तस्बीह पहनने के कारण मुझे चार सैनिकों ने रोका।
अब्दुर-रहमान ने यह भी बोला कि फिर उन्हें एक ऑफ स्टी डिटेनबेन केंद्र में ले जाया गया जहां ऑफिसरों ने उनसे पूछताछ की। ऑफिसरों ने फिर उन्हें रिहा कर दिया। बता दें कि सऊदी अरब में गाजा के समर्थन पर रोक लगा दी गई है। खासतौर से मक्का और मदीना में ये रोक है। यानी वो पवित्र स्थल जो इस्लाम की सबसे पवित्र स्थान मानी जाती है वहां गाजा और फिलिस्तीन के लिए कोई नारेबाजी नहीं होगी। जहां एक तरफ भारत, तुर्की समेत सैकड़ों राष्ट्रों में हमास और फिलिस्तीन के समर्थक अपनी ताकत दिखा रहे हैं। वहीं सबसे बड़े मुसलमान राष्ट्र में फिलिस्तीन के समर्थन में किसी भी तरह के प्रदर्शन पर कठोरता दिखाई जा रही है।