अंतर्राष्ट्रीय

समंदर के नीचे एक ज्वालामुखी फटने की वजह से एक नया द्वीप उभरा

New Island in Japan: जहां एक एक इंच की जमीन के लिए राष्ट्रों के बीच जंग हो जाती है वहीं दूसरी ओर जापान को प्रकृति के करिश्मे से थोड़ी से और जमीन मिल गई है आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि यह जमीन किसी राष्ट्र ने नहीं दी बल्कि समंदर के नीचे एक ज्वालामुखी फटने की वजह से एक नया द्वीप उभरकर निकल आया है तीन हफ्ते पहले यह ज्वालामुखी समुद्र के अंदर फूटा था, जिसके असर से यह द्वीप उभरकर सामने आ गया है इसे लेकर जानकारों ने अपनी दंग करने वाली राय रखी है दुनिया के नक्शे पर सुदूर पूर्वी राष्ट्र जापान जहां आए दिन भूकंप आते रहते हैं, ​कभी ज्वालामुखी फटता है ऐसा ही एक ज्वालामुखी समुद्र की सतह के नीचे तीन हफ्ते पहले फूटा था इससे एक छोटे से नए द्वीप का जन्म हुआ है और यह द्वीप एक दुर्लभ दृश्य की तरह दिखाई दे रहा है हालांकि जानकारों ने इस टापू को लेकर बड़ा दावा किया है जानकारों का बोलना है कि यह द्वीप बहुत लंबे समय तक नहीं रह सकता है

कहां उभरकर दिखाई दिया दुर्लभ टापू?

इवो ​​जीमा के दक्षिणी तट से लगभग 1 किलोमीटर (आधा मील) दूर स्थित अनाम समुद्री ज्वालामुखी, जिसे जापान इओटो कहता है, इसने 21 अक्टूबर को विस्फोटों की अपनी नवीनतम श्रृंखला प्रारम्भ की 10 दिनों के भीतर, ज्वालामुखीय राख और चट्टानें उथले समुद्र तल पर एकत्र हो गईं इसका सिरा समुद्र की सतह से ऊपर उठ गया जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के ज्वालामुखी प्रभाग के एक विश्लेषक युजी उसुई के मुताबिक नवंबर की आरंभ में यह लगभग 100 मीटर यानी 328 फीट डायमीटर और समुद्र से 20 मीटर यानी 66 फीट ऊंचा एक नया द्वीप बन गया

जहां टापू निकला, वहां बढ़ गई हैं ज्वालामुखी गतिविधियां

उसुई ने कहा, इवो जीमा के पास ज्वालामुखीय गतिविधि बढ़ गई है और हाल के सालों में समुद्र के नीचे इसी तरह के विस्फोट हुए हैं हालांकि एक नए द्वीप का निर्माण अपने आप में एक दुर्लभ प्रक्रिया है 2013 में टोक्यो के दक्षिण में प्रशांत महासागर में निशिनोशिमा में विस्फोट से एक नए द्वीप का निर्माण हुआ, जो ज्वालामुखी के एक दशक लंबे विस्फोट के दौरान बढ़ता रहा

इस राष्ट्र के पास भूकंप के कारण उभरा था नया टापू

इसके अतिरिक्त 2013 में पाक में 7.7 तीव्रता के भयंकर भूकंप आने के बाद समुद्र तल से एक छोटा द्वीप उभर आया था 2015 में, टोंगा के तट पर एक पनडुब्बी ज्वालामुखी के एक महीने के विस्फोट के परिणामस्वरूप एक नए द्वीप का निर्माण हुआ

जापान में 111 एक्टिव ज्वालामुखियों की श्रृंखला

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, दुनिया में लगभग 1,500 एक्टिव ज्वालामुखी में से 111 जापान में हैं, जो तथाकथित प्रशांत “रिंग ऑफ फायर” पर स्थित है इवो ​​​​जिमा द्वितीय विश्व युद्ध की सबसे भयंकर लड़ाई का स्थल था और 23 फरवरी 1945 को द्वीप के माउंट सुरिबाची के ऊपर झंडा फहराने की जो तस्वीर ली गई, वो  प्रशांत युद्ध और का प्रतीक बन गई

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