पाकिस्तान के बलूचिस्तान में चीनी इंजीनियरों के एक काफिले को बनाया गया निशाना
पाक में चीनी नागरिकों पर एक बार फिर धावा हुआ है। इस बार पाक के बलूचिस्तान में चीनी इंजीनियरों के एक काफिले को निशाना बनाया गया है। कहा जा रहा है कि कुछ हथियारबंद उपद्रवियों ने चीनी काफिले पर धावा बोला। इस हमले में कई लोगों की मृत्यु होने की समाचार आ रही है। धावा रविवार को पाक के ग्वादर के फकीर ब्रिज पर हुआ। पाक की ओर से इस हमले की पुष्टि कर दी गई है। कहा जा रहा है कि हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि हमले में 4 चीनी नागरिकों और 9 पाकिस्तानी सैनिकों की मृत्यु हुई है।
द बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक पोर्ट सिटी के नाम से प्रसिद्ध ग्वादर में विस्फोटों और गोलियों की आवाज सुनाई दी। पाक में ग्वादर थाने के पास आज चीनी इंजीनियरों के काफिले पर धावा किया गया। चीन की ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार हमले के बाद गोलियों और धमाकों की आवाज से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।बताया जा रहा है कि 23 चीनी कर्मियों को तीन एसयूवी और एक वैन से ले जाया जा रहा रहा था। इसी दौरान बलूच लिबरेशन आर्मी ने धावा कर दिया। हमले के दौरान एक आईईडी विस्फोट हुआ और वैन पर गोली चलाई गई, जिससे शीशे में दरार पड़ गई।
बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली जिम्मेदारी
पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों पर हुए हमले के बाद से पूरे क्षेत्र में भय का माहौल है। घटना के बाद यातायात बंद कर दिया गया। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के आत्मघाती दस्ते माजिद ब्रिगेड ने चीनी इंजीनियरों पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। वहीं हमले के बाद पाक में चीनी वाणिज्य दूतावास ने बलूचिस्तान और सिंध में अपने नागरिकों को अगले आदेश तक घरों के अंदर ही रहने को बोला है। वहीं, इस घटना के बाद बीएलए ने ग्वादर में चीनी काफिले पर धावा करने वाले मजीद ब्रिगेड के लड़ाकों की फोटोज़ जारी की हैं। संगठन ने उनकी पहचान दश्त निगोर के नवीद बलूच उर्फ असलम और अवारान के मकबूल बलूच उर्फ काइम के रूप में की है।
गौरतलब है कि बलूचिस्तान के बंदरगाह शहर ग्वादर प्रमुख बंदरगाह अरबों $ की लागत वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का एक प्रमुख बिंदु है और चीन के भी अनेक कर्मचारी यहां काम करते हैं। सीपीईसी परियोजना के अनुसार चीन बलूचिस्तान में भारी निवेश कर रहा है। वहीं, पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के अनुसार, क्षेत्र में उग्रवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद अभियान प्रारम्भ किया गया।
बीते वर्ष भी हुआ था हमला
आईएसपीआर ने कहा, सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र को घेर कर तलाशी अभियान प्रारम्भ कर दिया है। पिछले वर्ष नवंबर में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाक की ओर से गवर्नमेंट के साथ अपना संघर्षविराम खत्म किए जाने के बाद विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। पिछले महीने बलूचिस्तान के झोब और सुई इलाकों में अभियान के दौरान पाकिस्तानी सेना के 12 सैनिक मारे गए थे।