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88 प्रतिशत वोट के साथ पुतिन ने एक बार फिर से हासिल की जीत

रूस चुनाव: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को चुनाव में रिकॉर्ड जीत दर्ज कर एक बार फिर सत्ता हासिल कर ली है. लंबे समय से सत्तासीन व्लादिमीर पुतिन ने 88 फीसदी वोट के साथ एक बार फिर जीत हासिल की. वह 2012 से रूस के राष्ट्रपति हैं.

राष्ट्रपति के रूप में यह उनका पांचवां कार्यकाल होगा. पुतिन रूस के पीएम भी रह चुके हैं. व्लादिमीर पुतिन 2030 तक रूस के राष्ट्रपति रहेंगे.

रूस के केंद्रीय चुनाव आयोग ने बोला कि मतदान बंद होने के बाद 24 फीसदी निर्वाचन क्षेत्रों में मतगणना के प्रारंभिक रुझान आ गए हैं. वोटों की गिनती से पता चला कि करीब 88 प्रतिशत वोट राष्ट्रपति पुतिन के पक्ष में पड़े. पुतिन 71 वर्ष के हैं. रूस में तीन दिवसीय राष्ट्रपति चुनाव शुक्रवार को प्रारम्भ हुआ. पुतिन के विरुद्ध तीन प्रतिद्वंद्वी दौड़े.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पोलस्टर पब्लिक ओपिनियन फाउंडेशन (एफओएम) के एक एग्जिट पोल के अनुसार, पुतिन को 87.8% वोट मिले, जो रूस के सोवियत इतिहास के बाद का सबसे बड़ा रिज़ल्ट है. रशियन पब्लिक ओपिनियन रिसर्च सेंटर (वीसीआईओएम) ने पुतिन को 87% पर रखा. प्रारंभिक आधिकारिक नतीजे बताते हैं कि चुनाव परफेक्ट थे.

प्रारंभिक परिणामों के अनुसार, कम्युनिस्ट उम्मीदवार निकोलाई खारितोनोव 4% से कम वोट के साथ दूसरे जगह पर रहे. व्लादिस्लाव दावानकोव तीसरे और अति-राष्ट्रवादी लियोनिद स्लटस्की चौथे जगह पर रहे. केजीबी के पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल पुतिन, जो पहली बार 1999 में सत्ता में आए थे, ने चुनाव नतीजों के बाद अमेरिका और पश्चिम पर निशाना साधते हुए बोला कि भारी बहुमत ने साबित कर दिया है कि यूक्रेन में सेना कार्रवाई प्रारम्भ करने के उनके निर्णय को राष्ट्र के लोगों का समर्थन प्राप्त था.

पुतिन ने चुनाव जीतने के बाद एक भाषण में कहा, ”इससे ​​कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे हमें कौन और कितना डराना चाहते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे हमारी इच्छाशक्ति, हमारी चेतना को कौन और कितना दबाना चाहते हैं, इतिहास में कभी किसी ने ऐसा नहीं किया इस तरह (चुनाव में) हार गए. कोई कामयाबी नहीं.” उन्होंने पश्चिमी राष्ट्रों पर निशाना साधते हुए कहा, ”उनके ढंग आज काम नहीं कर रहे हैं और भविष्य में भी काम नहीं करेंगे.

रूस के केंद्रीय चुनाव आयोग के अनुसार, पुतिन ने लगभग 87 फीसदी वोट और लगभग 60 फीसदी परिक्षेत्रों में जीत हासिल की, जहां वोटों की गिनती हुई. प्रारंभिक परिणामों के अनुसार, कम्युनिस्ट उम्मीदवार निकोले खारितोनोव को 4 फीसदी से भी कम वोट मिले. चुनाव ऑफिसरों ने बोला कि मतदान बंद होने पर राष्ट्र भर में मतदाता मतदान 74.22 फीसदी था, जो 2018 के 67.5 फीसदी के स्तर को पार कर गया.

व्लादिमीर पुतिन की जीत कभी शक में नहीं थी, क्योंकि उनके अधिकतर आलोचक या तो कारावास में हैं या मर चुके हैं, और क्रेमलिन ने पुतिन के विरोध को बेरहमी से दबा दिया है. रूस के सबसे प्रमुख नेता और पुतिन प्रतिद्वंद्वी एलेक्सी नवलनी की पिछले महीने आर्कटिक कारावास में मृत्यु हो गई.

व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने कहा, “चुनाव साफ रूप से स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं थे, क्योंकि पुतिन ने सियासी विरोधियों को कारावास में डाल दिया और अन्य उम्मीदवारों को उनके विरुद्ध लड़ने से रोका.” व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने कहा. यूनाइटेड किंगडम के विदेश सचिव डेविड कैमरन ने ट्विटर पर एक पोस्ट में बोला कि वोट “उतना स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं था जितना कहा गया था.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा, “इस चुनावी फर्जीवाड़ा की कोई वैधता नहीं है और न ही हो सकती है.” पुतिन के यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के दो वर्ष से थोड़ा अधिक समय बाद, फरवरी 2022 में चुनाव हुए, विपक्षी उम्मीदवारों ने भी अभियान में पुतिन की प्रशंसा की.

हालांकि, वोटों की गिनती के बीच अलेक्सी नवालनी के समर्थकों ने कई जगहों पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया और पुतिन ने भी चुनाव जीतने के बाद पहली बार अलेक्सी नवालनी को संबोधित करते हुए कहा, ”वह बदले में अलेक्सी नवलनी को रिहा करने के प्रस्ताव का समर्थन करते हैं.” पश्चिमी राष्ट्रों में बंधक बनाए गए कैदियों की रिहाई.” पुतिन ने कहा, “जो आदमी मुझसे इस बारे में बात कर रहा था उसने अपना वाक्य पूरा नहीं किया और मैंने बोला ‘मैं सहमत हूं’.

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