रमजान पर पाकिस्तानियों को रुला रही महंगाई

रमजान पर पाकिस्तानियों को रुला रही महंगाई

रमजान का महीना प्रारम्भ हो चुका है और पाक में लोगों की कठिनाई कम होने का नाम नहीं ले रही है. पाकिस्तानी मंहगाई से काफी त्रस्त हैं. आलम यह है कि 500 रुपये प्रति दर्जन केले मिल रहे हैं. अंगूर तो 1600 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं. वहीं, खजूर 1000 रुपए किलो मिल रहा है. पिछले वर्ष की तुलना में राशन से लेकर फलों की कीमतों में काफी उछाल आया है.

पाकिस्तान में रमजान के दौरान महंगाई केवल एक शहर तक सीमित नहीं है. कराची, रावलपिंडी, इस्लामाबाद और लाहौर जैसे बड़े शहरों में महंगाई चरम पर है. दुकानदारों ने कम्पलेन की है कि पिछले त्योहार के मुकाबले इस बार खरीददारी काफी कम है. महंगाई के चलते लोग सामान कम खरीद रहे हैं. 

सबकुछ महंगा हो गया
पाकिस्तानी हुकूमत इस समय भारी आर्थिक संकट का सामना कर रही है. आईएमफ से लोन अभी तक नहीं मिल पाया है. दूसरी ओर शहबाज शरीफ की गवर्नमेंट लोगों पर करों का भारी बोझ डाल रही है. इसके अतिरिक्त महंगाई ने भी लोगों की कमर तोड़ दी है. राशन से लेकर फलों की कीमतें भी आसमान छू रहे हैं. पाक में मुद्रास्फीति की रेट 50 वर्ष के उच्च स्तर 31.5 फीसदी तक पहुंच गई है.

केले, खजूर और अंगूर तक के मूल्य बढ़े
रमजान पर महंगाई का आलम यह है कि सबकुछ महंगा हो गया है. व्यवसायी मुहम्मद इशाक ने अरब न्यूज़ को बताया, “सब कुछ महंगा हो गया है और खजूर की कीमतें भी बढ़ गई हैं. मैंने पिछले वर्ष 350 रुपये ($ 1.24) के लिए जो खरीदा था, वह 1000 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचा जा रहा है.” वहीं, केले के मूल्य 500 रुपए प्रति दर्जन तक पहुंच गए हैं. इसके अतिरिक्त अंगूर ग्राहकों तक 1600 प्रति किलो तक पहुंच रहा है.

कीमतों में वृद्धि के कारण 2022 की तुलना में फलों की बिक्री में गिरावट आई है. विक्रेताओं ने इसके पीछे आयात प्रतिबंधों और क्षेत्रीय फसलों के बर्बाद होने को बड़ी वजह बताया है. पिछले वर्ष जून से अक्टूबर तक पाक में विध्वंसक बाढ़ आई थी, जिसमें दो तिहाई पाक डूब गया था.