भारतीय छात्रा को कम वेतन देने वाली मेलबोर्न की एक पेंटिंग कंपनी पर लगा 57,000 डॉलर का जुर्माना

मेलबर्न, 26 मई (आईएएनएस). ऑस्ट्रेलिया की एक न्यायालय ने मेलबोर्न की एक पेंटिंग कंपनी पर 57,000 $ से अधिक का जुमार्ना लगाया है, जिसका मालिक एक सिख आदमी है. यह जुर्माना नियुक्ति की शर्तो के उल्लंघन के लिए लगाया गया है जिससे कंपनी के लिए काम करने वाली एक भारतीय छात्रा प्रभावित हुई.
फेडरल सर्किट एंड फैमिली न्यायालय ने गुरुवार को पेंट स्प्लैश के रूप में व्यापार करने वाले मेहताब ग्रुप के विरूद्ध 47,952 $ का जुमार्ना लगाया है. साथ ही कंपनी के एकमात्र निदेशक और शेयरधारक, विक्रमजीत सिंह खालसा के विरूद्ध 9,590.04 $ का जुमार्ना लगाया गया है.
ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण फेयर वर्क ओम्बुड्समैन (एफडब्ल्यूओ) के पास जुर्माने की राशि जमा करा दी गई है जिसने प्रभावित भारतीय से कम्पलेन मिलने के बाद मुद्दे की जांच की थी.
एफडब्ल्यूओ ने पाया कि जून 2021 में मेहताब ग्रुप ने कर्मचारी को गलत ढंग से बर्खास्त कर दिया, जिसके बाद उसने कंपनी को दो हफ्ते के भीतर कर्मचारी को 21,491 $ मुआवजा और सेवानिवृत्ति का भुगतान करने का आदेश दिया.
कंपनी ने उस भारतीय छात्रा को भुगतान नहीं किया. उसने लगभग एक वर्ष तक कंपनी में काम किया था.
जांच के दौरान, एक फेयर वर्क इंस्पेक्टर की धारणा इस बात पर जाकर टिकी कि मेहताब समूह कर्मचारी की बर्खास्तगी के समय अर्जित लेकिन न ली गई वार्षिक छुट्टी के बदले भुगतान करने में विफल रहा.
इंस्पेक्टर ने सितंबर 2021 में मेहताब ग्रुप को एक कंप्लायंस नोटिस जारी किया, जिसमें कंपनी को कर्मचारी को देय किसी भी बकाया वार्षिक छुट्टी की गणना और भुगतान करने के लिए बोला गया था.
अदालत ने पाया कि अनुचित बर्खास्तगी के दावे के रूप में फेयर वर्क कमीशन के आदेश के अनुरूप कर्मचारी को 21,491.17 $ मुआवजे का भुगतान न करके और कर्मचारी को बकाया वार्षिक छुट्टी के बदले भुगतान करने के एफडब्ल्यूओ कंप्लायंस नोटिस को न मानकर कंपनी ने फेयर वर्क एक्ट का उल्लंघन किया है.
अदालत ने खालसा को दोनों उल्लंघनों में दोषी पाया और उसके विरूद्ध जुमार्ना लगाया.
अदालत ने जुमार्ने के अतिरिक्त मेहताब ग्रुप को आदेश दिया कि वह अनुचित बर्खास्तगी मुआवजे के लिए उचित कार्य आयोग के आदेश के मुताबिक बकाया, सेवानिवृत्ति और कर्मचारी को देय वार्षिक अवकाश अधिकारों की राशि का भुगतान करे.
एफडब्ल्यूओ ने वीजा धारक मजदूरों से जुड़े 126 मुकदमे पंजीकृत किए हैं, और पिछले पांच पूर्ण वित्तीय सालों में वीजा धारक मुकदमों में न्यायालय द्वारा आदेशित दंड में 1.34 करोड़ $ से अधिक की राशि प्राप्त की है.
–आईएएनएस
एकेजे