अमेरिका और चीन में ठन गई वर्चस्व की नई जंग

अमेरिका और चीन में ठन गई वर्चस्व की नई जंग

दुनिया के दो सबसे शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका और चीन नए युद्ध में उलझ गए हैं. अमेरिका और चीन के बीच ये सबसे बड़ा युद्ध है, क्योंकि इससे दोनों राष्ट्रों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ना तय है. दरअसल दोनों राष्ट्रों में इस दौरान विशाल व्यापार युद्ध छिड़ गया है. इसके चलते अमेरिका और चीन दोनों राष्ट्रों ने एक दूसरे पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने और अन्य कठोर कदम उठाने लगे हैं. मगर इस युद्ध से सबसे बड़ा लाभ हिंदुस्तान को होता दिख रहा है. यह कैसे होगा, ये जानने के लिए आइए आपको पूरा मामला समझाते हैं.

इस व्यापार युद्ध को लेकर अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो रायमोंडो और उनके चीनी समकक्ष वांग वेंटाओ ने बृहस्पतिवार को एक-दूसरे की सरकारी नीतियों को लेकर चिंता जताई है. गौरतलब है कि हाल ही में चीन ने अमेरिकी सलाहकार फर्मों छापे मारे थे और इसके बदलने में दूसरी ओर अमेरिका ने सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी के निर्यात पर रोक लगा दी है. दोनों पक्षों ने बोला कि प्रौद्योगिकी और सुरक्षा पर विवादों को लेकर कोई प्रगति नहीं हुई है. हालांकि, रायमोंडो और वांग ने व्यापार के मुद्दों पर वार्ता को आगे बढ़ाने का वादा किया है. रायमोंडो ने चीन में अमेरिकी कंपनियों के विरूद्ध हुई कार्रवाइयों के बारे में चिंता जताई. उनके कार्यालय ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी. दूसरी ओर वांग के कार्यालय ने बयान जारी कर सेमीकंडक्टर, निर्यात और व्यापार पर अमेरिकी नीति के बारे में चिंता व्यक्त की.

भारत को होगा अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से फायदा

चीन और अमेरिका के व्यापार युद्ध से यदि सबसे अधिक फायदा किसी राष्ट्र को होगा तो वह हिंदुस्तान को होने वाला है. इसकी वजह साफ है कि अमेरिका अब चीन से तनाव के चलते अपनी जरूरी फर्मों को हिंदुस्तान में लगाने पर विचार कर रहा है. इससे हिंदुस्तान और अमेरिका के बीच व्यापार नयी ऊंचाई तक पहुंच सकता है. रोजगार के नए अवसर पैदा होने के साथ ही साथ इससे हिंदुस्तान की आर्थिक तरक्की को और गति मिल सकेगी. साथ ही भारतीय बाजार की पहचान अमेरिकी फर्मों के आने से और व्यापक और ब्रांडेड हो जाएगी. इसका लाभ दूसरे राष्ट्रों के साथ होने वाले ट्रेड में भी हिंदुस्तान को मिलेगा