जानें मानहानि पर क्या हैं दुनिया के कानून...

जानें मानहानि पर क्या हैं दुनिया के कानून...

आईपीसी की धारा 499 में ‘मानहानि’ को डिफाइन किया गया है. इसके मुताबिक यदि कोई बोलकर, लिखकर, पढ़कर, इशारों या तस्वीरों के जरिए किसी आदमी की प्रतिष्ठा पर लांछन लगाता है तो इसे मानहानि माना जाएगा.
मानहानि को लेकर हिंदुस्तान की बात तो हमने आपको बता दी अब आइए जानते हैं कि दुनिया के कानून क्या कहते हैं?

एक प्रसिद्ध कहावत है कि आदमी अपनी इज्जत बनाने में सालों लगा देता है लेकिन उसे गंवाने में एक पल ही काफी होता है. इस संसार में हरेक आदमी के लिए इज्जत, मान और प्रतिष्ठा बहुत ही अर्थ रखती है. राष्ट्र संविधान के भीतर हरेक आदमी को कुछ मौलिक अधिकार और दायित्व दिए गए हैं. उन्हीं अधिकारों में से एक मान और प्रतिष्ठा के साथ जीने का भी है. लेकिन यदि कोई आदमी दूसरे के इस मौलिक अधिकार का हनन करने या उसे किसी भी माध्यम से छीनने की प्रयास करता है तो इसके अनुसार कानून में कुछ प्रवाधान भी दिए गए हैं. मानहानि केस ये अक्सर टेलीविजन, अखबरों या बड़े-बड़े बिजनेसमैन और सेलिब्रिटी से सुनने वाला शब्द है. सूरत की एक न्यायालय ने कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पीएम मोदी पर कथित टिप्पणी को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी की कम्पलेन पर मानहानि के मुद्दे में गुरुवार को दो वर्ष कैद की सजा सुनाई. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली में, राहुल गांधी कहते हैं: “नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी … कैसे इन सभी का उपनाम मोदी है? कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी ही है?

मानहानि कानून क्या है

संविधान के अनुसार हिंदुस्तान के हर नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मिली है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आपको किसी को अपमानित करने का अधिकार भी मिल गया है. आईपीसी की धारा 499 में ‘मानहानि’ को डिफाइन किया गया है. इसके मुताबिक यदि कोई बोलकर, लिखकर, पढ़कर, इशारों या तस्वीरों के जरिए किसी आदमी की प्रतिष्ठा पर लांछन लगाता है तो इसे मानहानि माना जाएगा. कभी भी कोई ऐसा बयान जिसे किसी आदमी संस्था जिसके विरूद्ध वो बयान हो यदि उससे छवि खराब होती है. तो मानहानि के अनुसार मुकदमा दर्ज होता है. किसी पर झूठा आरोप लगाना और उसकी मान प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाना मानहानि की श्रेणी में माना जाता है. इसके पीछे के तर्क हैं कि आदमी की प्रतिष्ठा को धन, संपत्ति का हिस्सा समझा गया है. इसलिए यदि कोई आदमी किसी को संपत्ति से वंचित करता है तो वो क्राइम की श्रेणी में माना जाता है. मानहानि को लेकर हिंदुस्तान की बात तो हमने आपको बता दी अब आइए जानते हैं कि इसको लेकर दुनिया के कानून क्या कहते हैं?  

मानहानि पर दुनिया के कानून

ब्रिटेन में वर्ष 2009 में ही ऐसी प्रबंध की गई जिससे मानहानि से जुड़े मामलों में आपराधिक मुकदमा नहीं चल सकता. तब माना गया कि ब्रिटेन मानहानि आपराधिक होने का बहाना बनाकर बाकी राष्ट्र अपने यहां बोलने की आजादी पर रोक लगा रहे थे. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में मानहानि के मुद्दे आपराधिक नहीं होते. न्यूजलैड में आपराधिक मानहानि को वर्ष 1993 में ही समाप्त कर दिया गया. यहां मानहानि से जुडे़ मुद्दे अदालतों में ही सुलझाए जाते हैं. लेकिन इसमें पुलिस शामिल नहीं होती है. इसके अतिरिक्त मानहानि में गुनाह सिद्ध होने पर कारागार भी नहीं होती है. पीड़ित को मानहानि से हुए हानि का हर्जाना और न्यायालय में कार्यवाही का खर्चा वहन करना पड़ता है. न्यूजीलैंड में ऐसे मामलों में आपराधिक केस तभी चलता है, जब कोई इरादतन वोटरों को प्रभावित करने के लिए झूठी सूचना जारी करवाता है. 

पाकिस्तान में सिविल और अपराधी मुकदमा चलते हैं

पड़ोसी देश पाक में मानहानि से जुड़े मामलों में सिविल और अपराधी दोनों तरह के मुकदमा चलते हैं. बांग्लादेश में सिर्फ आपराधिक मुकदमा चलता है. पाक में एक बिल लाया गया जो कहता है कि यदि सेना या ज्युडिशरी का माखौल उड़ाया तो पांच वर्ष की कारागार होगी. बांग्लादेश में औनलाइन मानहानि पर सात वर्ष तक की कारागार हो सकती है. 

अमेरिका में मानहानि को लेकर क्या बोला गया है

अमेरिका का उच्चतम न्यायालय कहता है कि यदि शिकायती नामी शख्स है, तो ऐसे आपराधिक मानहानि कानून के अनुसार तभी कार्रवाई हो जब वास्तव में दुर्भावना की बात साबित हो जाए. यही नहीं उच्चतम न्यायालय ने सच बोलने पर आपराधिक मुकदमा चलाने पर भी रोक लगाई हुई है. एक्सपर्ट्स का बोलना है कि बेशक कई राज्यों में आपराधिक मानहानि अपराधी कोड का हिस्सा है, मगर उन्हें कभी लागू नहीं किया जाता. यूरोप के सुरक्षा और योगदान पर बने एक संगठन ने 2017 में बोला था कि तीन चौथाई सदस्य राष्ट्रों में मानहानि पर आपराधिक प्रावधान हैं. पश्चिमी यूरोप के नौ राष्ट्रों में जाने माने शख्स की मानहानि होने पर कठोर पाबंदी लगाने का प्रावधान है.