अंतर्राष्ट्रीय

लाई चिंग-ते के सत्ता में आते ही बौखला उठा पूरा चीन

ताइवान में नए राष्ट्रपति के रुप में लाई चिंग-ते के सत्ता में आते ही चीन पूरी तरह से बौखला उठा है. सोमवार को लाई ने ताइवान की कमान संभाली और गुरुवार को ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीनी सेना को ताइवान के चारों लगा दिया. दरअसल चीन की सेना ने बृहस्पतिवार को ताइवान के चारों तरफ दो दिवसीय व्यापक “दंड अभ्यास” (Punishment Drills) प्रारम्भ किया. इसमें उसकी सेना, नौसेना, वायु सेना और रॉकेट बल भाग ले रहे हैं. यह सेना अभ्यास दो दिनों तक चलेगा. इस अभ्यास को ‘जॉइंट सोर्ट 2024’ नाम दिया गया है. चीन ने यह अभ्यास ऐसे समय में किया है जब स्व-शासित द्वीप ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने राष्ट्र पर चीन की संप्रभुता के दावे को अस्वीकार किया है.

चीन और ताइवान के बीच तनाव का कारण

ताइवान एशिया के पूर्वी हिस्से में आता है. ताइवानी प्रशासन लंबे समय से स्वयं को रिपब्लिक ऑफ चाइना (RoC) के रूप में आजाद राष्ट्र बताता आया है. वहां वर्ष 1949 से स्वतंत्र गवर्नमेंट है. हालांकि, चीन भी लंबे समय से 2.3 करोड़ की जनसंख्या वाले इस द्वीप पर दावा ठोकता रहा है. चीन का बोलना है कि ताइवान पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) का एक प्रांत है, जो उससे अलग हो गया है. चीन को ऐसा लगता है कि भविष्य में ताइवान चीन का हिस्सा बन जाएगा या फिर बलपूर्वक उसे चीन का हिस्सा बना लिया जाएगा.

क्या चाहता है चीन?

चीन ने एक वर्ष के भीतर ताइवान के आसपास कई सेना अभ्यास किए हैं. चीन की पीएलए ईस्टर्न सिनेमाघर कमान के प्रवक्ता ली शी ने बोला कि लगातार ताइवान के पास जो युद्धाभ्यास चल रहा है, उसका एक ही मकसद है आजाद ताइवान की मांग कर रहे अलगाववादी लोगों को बलपूर्वक दबाना और बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप को एक कड़ी चेतावनी देना है. ली शी ने कहा, ‘‘यह अभ्यास ‘ताइवान स्वतंत्रता’ बलों के अलगाववादी कृत्यों के लिए एक कड़ी सजा और बाहरी ताकतों द्वारा हस्तक्षेप और उकसावे के विरुद्ध एक कड़ी चेतावनी जैसा है.’’

बता दें, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी लगातार ताइवान के आसपास मिलिट्री घुसपैठ की प्रयास करती रहती है और इसी मकसद से चीन ने फिर गुरुवार सुबह 7:45 बजे (स्थानीय समय) से सेना अभ्यास की आरंभ कर दी है.

कहां पर किया जा रहा है ये सेना अभ्यास?

यह अभ्यास ताइवान जलडमरूमध्य, ताइवान द्वीप के उत्तर, दक्षिण और पूर्व के साथ-साथ किनमेन, मात्सु, वुकिउ और डोंगयिन द्वीपों के आसपास के क्षेत्रों में किया जा रहा है. उल्लेखनीय है चीन ने यह अभ्यास ऐसे समय में किया है जब ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने राष्ट्र पर चीन की संप्रभुता के दावे को अस्वीकार किया और बोला कि अब चीन के युद्ध से ताइवान पीछे नहीं हटने वाला है.

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