अंतर्राष्ट्रीय

यूके के कुशल श्रमिक वीजा के लिए नई न्यूनतम वार्षिक वेतन दरें आज से हुई लागू

लंदन: गृह कार्यालय ने बोला कि ब्रिटिश नागरिकों और स्थायी निवासियों के लिए पारिवारिक वीजा पर साथी या जीवनसाथी को बुलाने के लिए प्रस्तावित न्यूनतम वार्षिक वेतन सीमा 11 अप्रैल, 2024 से चरणबद्ध ढंग से लागू की जाएगी. वार्षिक न्यूनतम वेतन सीमा, जो वर्तमान में 18,600 पाउंड थी, को बढ़ाकर 29,000 पाउंड कर दिया गया है. गवर्नमेंट ने बोला कि यूके के कुशल मजदूर वीजा के लिए नयी न्यूनतम वार्षिक वेतन दरें गुरुवार से लागू हो गई हैं.

गृह मामलों के मंत्री जेम्स क्लेवरली ने बोला कि क्षेत्रीय घरेलू कामगारों को विदेशों से सस्ते श्रम की प्रतिस्पर्धा से भी मुक्ति मिलेगी. यदि गवर्नमेंट ने पिछले वर्ष ये मानक लागू कर दिए होते तो 30 लाख लोग ब्रिटेन में प्रवेश नहीं कर पाते

अब समय आ गया है कि विदेशों से सस्ते श्रम को रोका जाए. बड़े पैमाने पर पलायन अस्थिर और अनुचित है. इस वजह से, जो लोग कठिन से दो समय की रोटी जुटा पाते हैं, वे लीन हो जाते हैं.

11 अप्रैल से, उन आवेदकों के लिए न्यूनतम वार्षिक वेतन सीमा जो अपने परिवार के सदस्यों को पारिवारिक वीजा पर लाना चाहते हैं, £18,600 से बढ़कर £29,000 हो जाएगी. कुशल मजदूरों के लिए यह न्यूनतम वार्षिक वेतन अगले साल से बढ़ाकर £38,700 कर दिया जाएगा. गृह विभाग ने बोला कि इस वेतन सीमा को बढ़ाने से आवेदक अपने परिवार का आर्थिक रूप से ख्याल रख सकेगा गवर्नमेंट का मानना ​​है कि किसी भी क्षेत्र को स्थायी रूप से आप्रवासन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. अत: आज से अभावग्रस्त व्यवसाय सूची भी खत्म कर दी गयी है. नियोक्ता अब आप्रवासियों को कमी वाले व्यवसायों में यूके के मजदूरों से कम भुगतान नहीं कर सकते हैं. स्वतंत्र प्रवासन सलाहकार समिति-एमएसी द्वारा तैयार की गई नयी आव्रजन वेतन सूची में सिर्फ़ वे नौकरियां शामिल होंगी जिनमें कौशल की जरूरत होती है और जिनकी आपूर्ति कम है.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय – ओएनएस – के मुताबिक सितंबर 2022-2023 के दौरान कुशल मजदूर मार्ग के अनुसार आवेदन करने वाले हिंदुस्तानियों की संख्या में 11 फीसदी की कमी आई है.

पहले के 20,360 वीजा के मुकाबले नए 18,107 वीजा जारी किए गए. इसी तरह, सितंबर 2023 को खत्म साल में पारिवारिक वीजा प्राप्त करने वाले हिंदुस्तानियों की संख्या 43,445 थी. विद्यार्थी वीज़ा श्रेणी में भी भारतीय नागरिकों की संख्या सबसे अधिक थी. 43 फीसदी हिंदुस्तानियों ने पोस्ट स्टडी ग्रेजुएट वीजा का रास्ता अपनाया.

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