पाकिस्तान के मौजूदा हालात को देखते हुए देश में कभी भी हो सकती है आर्थिक बर्बादी :इमरान खान
इस्लामाबाद: क्या पाक 1971 की तरह एक बार फिर टूटने की कगार पर है? उस समय पूर्वी पाक को अलग कर बांग्लादेश बनाया गया था। ये प्रश्न इसलिए खड़ा हुआ है क्योंकि पाक के पूर्व पीएम और मौजूदा विपक्षी नेता इमरान खान ने ऐसा ही दावा किया है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए राष्ट्र में कभी भी आर्थिक बर्बादी हो सकती है। उन्होंने गवर्नमेंट और संस्थाओं को चेतावनी देते हुए बोला कि किसी भी राष्ट्र की स्थिरता के लिए उसकी अर्थव्यवस्था का मजबूत होना महत्वपूर्ण है।
अदियाला कारावास में विपक्षी नेता से मिलने गए अपनी पार्टी पाक तहरीक-ए-इंसाफ के नेताओं से वार्ता में उन्होंने कहा, ”मुझे पाक और उसके लोगों की चिंता है।” आज राष्ट्र गहरे संकट में है। यदि यह संकट जारी रहा तो इसके 1971 की ढाका त्रासदी जैसी त्रासदी बनने की संभावना है।
पीटीआई नेता सलमान अकरम राजा, शोएब शाहीन और प्रतीक्षा पंजुथन ने यह बात कही। इसके साथ ही उन्होंने एक संदेश भी दिया। जो इस प्रकार है: ‘आप लोगों को उनका अधिकार नहीं दे रहे हैं। परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था का विकास नहीं हो पाता. 1970 में सेना प्रमुख चाहते थे कि किसी को सत्ता न मिले। लेकिन जब शेख मुजीब उर रहमान की पार्टी को बहुमत मिला तो सेना ने विश्वासघात दिया और उपचुनाव करा दिया। उस उपचुनाव में अवामी लीग ने अवामी लीग से 80 सीटें छीन लीं क्योंकि वह राष्ट्रपति बनना चाहता था. मेरा मानना है कि हम उस स्थिति में वापस आ गए हैं.’ उस समय लंदन योजना थी. जिसके अनुसार राष्ट्र का बंटवारा हुआ। लेकिन अब गवर्नमेंट स्वयं ही लंदन-प्लान तैयार करती है।
इस बीच पता चला है कि इमरान खान ने यह भी संकेत दिया है कि वह उनके और सेना के बीच वार्ता के लिए तैयार हैं। यह देशहित में महत्वपूर्ण भी है। इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि उनके और सेना के बीच कोई डील हुई है। ताकि अगले महीने तक उन्हें रिहा किया जा सके।