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चीन ने अपना पहला सुपरकैरियर ‘फुजियान’ किया लॉन्च

बीजिंग: चीन ने अपना पहला सुपरकैरियर ‘फुजियान’ लॉन्च कर दिया है. यह चीन का तीसरा और सबसे एडवांस विमानवाहक युद्धपोत है. 71,875 टन डिस्प्लेसमेंट वाला यह युद्धपोत पूरी तरह से चीन में बनाया गया है. 316 मीटर लंबा और 249 फीट ऊंचा यह युद्धपोत चीन का सबसे आधुनिक और घातक विमानवाहक युद्धपोत है. इसमें फाइटर जेट्स के टेकऑफ और लैंडिंग के लिए तीन रनवे हैं. इसे शंघाई के पास उत्तर-पूर्व में स्थित जियांगनान शिपयार्ड में 2018 से बनाया जा रहा था.

‘फुजियान’ में कई तरह के एडवांस डिफेंस सिस्टम लगे हैं, जिनमें HQ-10 शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम, 30 mm के H/PJ-11 ऑटोकैनन और आयताकार राडार सिस्टम शामिल हैं. यह राडार सिस्टम लंबी दूरी से मिसाइलों और फाइटर जेट्स को ट्रैक और लॉक कर सकता है. ‘फुजियान’ पर J-15B, J-35, J-15D (इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर फाइटर जेट), KJ-600 AEWC विमान (जासूसी के लिए), Z-8/18 यूटिलिटी और ASW हेलिकॉप्टर्स और Z-20 मीडियम हेलिकॉप्टर तैनात किए जाएंगे.

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का अनुमान है कि ‘फुजियान’ को पूरी तरह से ऑपरेशनल होने में डेढ़ वर्ष और लगेंगे. अभी यह युद्धपोत वर्ष भर समुद्री ट्रायल्स में बिताएगा. इसके बाद इसे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी- नेवी (PLAN) में शामिल किया जाएगा. ‘फुजियान’ चीन की मिलिट्री के आधुनिकीकरण का हिस्सा है. चीन का मकसद एशियाई क्षेत्र में अपनी धमक को बढ़ाना है. युद्धपोतों की संख्या के मुद्दे में चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है. हालांकि क्षमताओं के मुद्दे में वह अमेरिकी नौसेना से पीछे हैं. अमेरिका के पास 11 परमाणु ईंधन संचालित एयरक्राफ्ट कैरियर हैं.

‘फुजियान’ के लॉन्च होने से चीन और अमेरिका के बीच विवाद बढ़ सकता है. अमेरिका ने चीन द्वारा बनाए गए आईलैंड तक जाकर रेकी की थी. चीन ने इसे घुसपैठ कहा था. अमेरिका का दावा था कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मार्ग को सुरक्षित बनाए रखने के लिए वह बीच-बीच में ऐसे मिलिट्री ड्रिल करता रहता है. चीन का ‘फुजियान’ विमानवाहक युद्धपोत एशियाई क्षेत्र में शक्ति संतुलन को बदलने की क्षमता रखता है. यह चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते विवाद का प्रतीक भी है.

 

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