अंतर्राष्ट्रीय

क्या युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं रूस-अमेरिका…

रूस ने बोला कि यूक्रेन के साथ युद्ध में करीब से शामिल होने की संभावनाओं को लेकर पश्चिमी राष्ट्रों के वरिष्ठ ऑफिसरों की एक के बाद एक टिप्पणियों से बढ़े तनाव के बीच वह युद्धक्षेत्र में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर सेना अभ्यास करने की योजना बना रहा है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पांचवे कार्यालय की आरंभ की पूर्व संध्या पर यह घोषणा की गयी. रूसी रक्षा मंत्रालय ने बोला कि उसने सामरिक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का अनुकरण करने वाले अभ्यास आयोजित करने की योजना बनाई है. यह घोषणा क्रेमलिन द्वारा यूक्रेन में युद्ध के बारे में वरिष्ठ पश्चिमी ऑफिसरों की टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के कुछ दिनों बाद आई है. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बोला कि यह अभ्यास रूसी संघ के संबंध में कुछ पश्चिमी ऑफिसरों के उत्तेजक बयानों और धमकियों के उत्तर में है.

सामरिक परमाणु हथियार क्या हैं?

परमाणु-युक्त अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों के उल्टा ये पूरे शहरों को नष्ट कर सकती हैं. युद्ध के मैदान पर सैनिकों के विरुद्ध इस्तेमाल के लिए सामरिक परमाणु हथियार कम ताकतवर होते हैं और उनकी क्षमता लगभग एक किलोटन जितनी कम हो सकती है. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा पर गिराया गया अमेरिकी बम 15 किलोटन का था. ऐसे युद्धक्षेत्र के परमाणु हथियार हवाई बम, कम दूरी की मिसाइलों के लिए हथियार या तोपखाने के हथियार बहुत कॉम्पैक्ट हो सकते हैं. उनका छोटा आकार उन्हें ट्रक या विमान पर सावधानी से ले जाने की अनुमति देता है. रणनीतिक हथियारों के उल्टा सामरिक हथियार कभी भी ऐसे किसी समझौते द्वारा सीमित नहीं किए गए हैं, और रूस ने उनकी संख्या या उनसे संबंधित कोई अन्य विवरण जारी नहीं किया है.

पुतिन बार-बार परमाणु हथियारों की दिलाते रहे हैं याद

24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण प्रारम्भ करने के बाद से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कीव को सेना समर्थन बढ़ाने से हतोत्साहित करने के लिए पश्चिमी राष्ट्रों को मॉस्को की परमाणु ताकत के बारे में बार-बार याद दिलाया है. पुतिन ने रूस की रक्षा के लिए जरूरी सभी साधनों का इस्तेमाल करने की चेतावनी के जरिए मास्को के परमाणु शस्त्रागार की याद समय समय पर दिलाई है.

क्रेमलिन ने मैक्रों के बयान को कहा खतरनाक

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पिछले सप्ताह दोहराया था कि वह यूक्रेन में सेना भेजने से इनकार नहीं करते हैं और ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड कैमरन ने बोला कि कीव की सेनाएं रूस के अंदर लक्ष्यों पर धावा करने के लिए ब्रिटिश लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल करने में सक्षम होंगी. क्रेमलिन ने उन टिप्पणियों को घातक बताया, जिससे रूस और नाटो के बीच तनाव बढ़ गया. युद्ध ने पहले ही मॉस्को और पश्चिम के बीच संबंधों पर काफी दबाव डाल दिया है. यह पहली बार नहीं था कि यूक्रेन के लिए यूरोप के सेना समर्थन ने रूसी ऑफिसरों को परेशान किया है और परमाणु हमले के लिए प्रेरित किया है. पिछले वर्ष मार्च में यूके गवर्नमेंट द्वारा यूक्रेन को ख़त्म हुए यूरेनियम वाले कवच-भेदी गोले प्रदान करने के फैसला के बाद, पुतिन ने घोषणा की कि उनका इरादा बेलारूस के क्षेत्र पर सामरिक परमाणु हथियार तैनात करने का है.

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