अंतर्राष्ट्रीय

क्या मुइज़्ज़ू की जीत से भारत पर पड़ेगा असर…

मालदीव में सत्तारूढ़ पीपुल्स नेशनल कांग्रेस पार्टी (PNC) पार्टी ने संसद में साफ बहुमत हासिल किया है. रविवार को जारी चुनाव परिणामों में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की PNC ने पहले 86 सीटों में से 66 सीटें जीत ली हैं, जिससे उन्हें 93-सदस्यीय संसद (मजलिस) में एक सुपर-मेजोरिटी मिली है.मुइज़्ज़ू की संसदीय चुनाव में जीत चीन के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की उनकी योजनाओं के लिए जरूरी है. पिछले संसद में, PNC और उसके सहयोगियों के पास सिर्फ़ आठ सीटें थीं, जिससे सितंबर में उनकी राष्ट्रपति चुनाव जीत के बाद उनकी योजना को आगे बढ़ाने में रुकावट आ रही थी.

मुइज़्ज़ू के राष्ट्रपति चुने जाने से मालदीव की विदेश नीति में परिवर्तन आया है, जिसमें राष्ट्र बीजिंग की ओर झुकाव दिखा रहा है. मुइज़्ज़ू ने चीन-समर्थक रुख अपनाया है और मालदीव के एक द्वीप पर तैनात भारतीय सैनिकों को हटाने का काम किया है. उनके राष्ट्रपति चुनाव के अभियान का केंद्र “इंडिया आउट” था, जिसमें उन्होंने अपने पूर्ववर्ती पर राष्ट्रीय संप्रभुता को खतरे में डालने का इल्जाम लगाया था.मालदीव के मुख्य विपक्षी दल, मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP), ने सिर्फ़ दर्जनभर सीटें जीतकर संसद में बड़ी हार का सामना किया. 45 वर्षीय मुइज़्ज़ू ने राजधानी माले में एक विद्यालय में मतदान किया और नागरिकों से बड़ी संख्या में मतदान करने की अपील की.

मुइज़्ज़ू ने मालदीव में भारतीय सेना भागीदारी की निंदा की है, कुछ कार्यों के लिए भारतीय कर्मियों की स्थान नागरिकों को लाने के कदम उठाए हैं. हिंदुस्तान के साथ संबंधों में तनाव तब बढ़ गया जब भारतीय सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं ने मालदीव के उपमंत्रियों द्वारा भारतीय पीएम मोदी के बारे में की गई टिप्पणियों के उत्तर में मालदीव पर्यटन का बहिष्कार प्रारम्भ किया.आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय पर्यटकों की संख्या में कमी आई है, जिससे हिंदुस्तान मालदीव में विदेशी आगंतुकों के शीर्ष साधन से छठे जगह पर आ गया है. इस बीच, मुइज़्ज़ू की चीन यात्रा से मालदीव में चीनी पर्यटकों और उड़ानों की संख्या में वृद्धि हुई है.

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