अंतर्राष्ट्रीय

ईरान के ज्यादातर हिस्सों में निकाले गए जुलूस

दुबई: ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को राष्ट्र की सबसे पवित्र शिया दरगाह में बृहस्पतिवार (23 मार्च 2024) को सुपुर्द-ए-खाक किया गया. उनकी कुछ दिन पहले हेलीकॉप्टर हादसा में विदेश मंत्री तथा छह अन्य लोगों के साथ मौत हो गई थी. रईसी को मशहद स्थित इमाम रजा दरगाह के अंदर एक कब्र में दफनाया गया है. इस दरगाह में शिया समुदाय के आठवें इमाम दफन हैं. वर्ष 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद रईसी पहले शीर्ष सरकारी अधिकारी हैं जिन्हें इस दरगाह में दफनाया गया है. वह पहले दरगाह और उससे जुड़े एक फाउंडेशन का जिम्मा संभाल चुके थे.

दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर हादसे में मृत्यु के बाद ईरान के ज्यादातर हिस्सों में जुलूस निकाले गए थे. हादसा में राष्ट्र के विदेश मंत्री और छह अन्य लोग भी मारे गए थे. हालांकि इनके जनाजे में उतनी भीड़ शामिल नहीं हुई, जितनी 2020 में बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में रिवोल्यूशनरी गार्ड जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद के जनाजे में थी. जनाजे में कम भीड़ के पीछे रईसी को लेकर लोगों की भावनाएं एक संभावित संकेत हो सकती है.

सख्त रही है रईसी सरकार

बता दें कि, रईसी गवर्नमेंट ने 2022 में महसा अमीनी की मृत्यु को लेकर हुए प्रदर्शनों के दौरान कठोर कार्रवाई की थी, जिसे लेकर लोगों में गुस्सा था. अमीनी को ईरान की स्त्रियों के लिए जरूरी हिजाब कथित तौर पर नहीं पहनने के लिए हिरासत में लिया गया था. उस दौरान हुई कार्रवाई का सरकारी टेलीविजन और समाचार पत्रों की कवरेज में कोई उल्लेख नहीं किया गया था. इतना ही नहीं ईरान-इराक युद्ध के अंत में करीब पांच हजार लोगों की सामूहिक मर्डर में रईसी के शामिल होने पर भी कभी चर्चा नहीं की गई. यह वो काकण हो सकते हैं, जिनका असर देखने को मिला है.

काले कपड़े पहने नजर आए लोग 

अधिकारियों ने रईसी के मृत्यु पर खुशी जाहिर करने के लिए किसी भी तरह के सार्वजनिक संकेतों का इस्तेमाल करने को लेकर लोगों को चेतावनी दी थी. तेहरान में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था. अफगान सीमा से सटे ईरान के दक्षिण खुरासान प्रांत में रईसी के गृहनगर बिरजंद शहर के मुख्य मार्ग पर बृहस्पतिवार सुबह हजारों की तादाद में लोग काले कपड़े पहने नजर आए. रईसी को इमाम रजा दरगाह में सुपुर्द-ए-खाक किया गया है. यह क्षेत्र लंबे अरसे से शिया मुसलमानों का धार्मिक स्थल रहा है. (एपी)

 

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