अंतर्राष्ट्रीय

इजरायली ड्रोन अटैक के बाद गुस्से में ईरानी लोग

 इजरायल ने ईरान पर प्रतिशोधात्मक धावा किया है या नहीं, इस बारे में इजरायल और ईरान की ओर से सीधे तौर पर दावा नहीं किया गया है. हालांकि ईरान की ओर से यह जरूर बोला गया है कि उसके एयरपोर्ट और कई दूसरे क्षेत्रों में ड्रोन जैसी कुछ संदिग्ध वस्तुओं को मार गिराया गया. वहीं इस मसले पर अमेरिका ने जी-7 समूह के विदेश मंत्रियों से शुक्रवार को बोला कि ईरान में ड्रोन हमले के बारे में इजरायल से उसे ‘‘आखिरी क्षणों में’’ सूचना मिली थी, लेकिन वाशिंगटन ने इस कार्रवाई में हिस्सा नहीं लिया. ऑफिसरों ने यह जानकारी दी. जबकि इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी ने बोला कि अमेरिका ने जी-7 समूह के सदस्य राष्ट्रों की तीन दिवसीय बैठक में, शुक्रवार सुबह के सत्र में यह सूचना दी.

संदिग्ध हमले से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा करने के लिए सत्र का एजेंडा आखिरी क्षणों में बदल दिया गया. ताजानी ने जी-7 समूह के सदस्य राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता की. शुक्रवार तड़के, ईरान ने आसमान में ड्रोन नजर आने के बाद इस्फहान के निकट एक वायु सेना अड्डा और एक परमाणु स्थल के बचाव में वायु रक्षा प्रणाली का इस्तेमाल कर गोलाबारी की. बीते हफ्ते के अंत में तेहरान द्वारा इजराइल पर किये गए अप्रत्याशित ड्रोन एवं मिसाइल हमले के उत्तर में संभवत: यह इजरायली धावा किया गया. इटली के विदेश मंत्री ने बोला कि अमेरिका ने जी-7 राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों को कहा कि उसे ड्रोन के बारे में इजरायल ने अंतिम क्षणों में सूचित किया. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अमेरिका इस हमले में शामिल नहीं है. उसे महज इसकी सूचना मिली थी.

अमेरिकी विदेश मंत्री ने इटली के दावे पर साधी चुप्पी

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस कथन पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और बोला कि उनका राष्ट्र किसी हमले में शामिल नहीं है तथा क्षेत्र में तनाव घटाने के लिए प्रतिबद्ध है. ब्लिंकन ने कहा, ‘‘मैं इसके सिवा कुछ नहीं कहने जा रहा कि अमेरिका किसी हमले में शामिल नहीं है.’’ अमेरिका-इजरायल के मौजूदा संबंध का वर्णन करने का आग्रह किये जाने पर ब्लिंकन ने बोला कि इजरायल ने अपने स्वयं के फैसला लिए और अमेरिका इसकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. ताजानी ने बोला कि जी-7 राष्ट्रों ने ईरान में जो कुछ हुआ, उस पर शुक्रवार को चर्चा की. उन्होंने बोला कि वह बताना चाहते हैं कि उन्होंने ऑयल अवीव और तेहरान स्थित इतालवी दूतावासों से संपर्क किया और पाया कि इस्फहान में रह रहे इतालवी सुरक्षित हैं. जी-7 समूह विश्व की सात सर्वाधिक उन्नत अर्थव्यवस्था वाले राष्ट्रों का समूह है, जिनमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं.

इजरायल ने किया जवाबी हमला

भले ही इजरायल और ईरान इस हमले को लेकर कोई स्पष्टता जाहिर नहीं कर रहे, लेकिन बताया जा रहा है कि सप्ताहांत में तेहरान की ओर से इजरायल पर अप्रत्याशित ड्रोन और मिसाइल हमले किये जाने के बाद, इजरायल ने यह जवाबी कार्रवाई की. मंत्रियों ने तीन दिवसीय बैठक के बाद, एक बयान में दोनों पक्षों से विवाद टालने का आग्रह किया. बयान में, इजरायल की सुरक्षा का संकल्प लिया गया और 13-14 अप्रैल को इजरायल पर ईरान द्वारा किये गए हमले की कड़ी आलोचना की गई. इसमें बोला गया है, ‘‘क्षेत्र को और अस्थिर किये जाने के उत्तर में हम और भी प्रतिबंध लगाने तथा अन्य कदम उठाने को तैयार हैं.’’ समूह ने ईरान को बैलिस्टिक मिसाइल और इससे संबद्ध प्रौद्योगिकी रूस को हस्तांतरित करने के विरुद्ध भी ईरान को चेतावनी दी. गाजा में युद्ध पर, समूह ने हमास से बंधकों को रिहा करने की अपील की.

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