इजराइली अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
इजराइल भी उठा रहा कदम
टाइम्स ऑफ इजराइल ने रविवार को सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा कि इजराइल बेंजामिन नेतन्याहू और अन्य के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक कोर्ट की संभावित योजना को रोकने के लिए ठोस कदम उठा रहा है और इस दिशा में कोशिश भी किए जा रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद गिरफ्तारी वारंट को रोकने के लिए अभियान का नेतृत्व कर रही है. विदेश मंत्रालय भी इसमें शामिल है.
इजराइल पर बड़ा आरोप
इजराइल इस मुद्दे को बहुत गंभीर है. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि इजराइली रक्षा बल (IDF) के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता ने शब्बात (इजरायली धार्मिक दिन) पर विदेश पत्रकारों के साथ विशेष प्रेस क्रॉन्फ्रेंस की, जिसमें गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए इजराइल की सहायता के बारे में जानकारी दी गई. इसे इजराइल की तरफ से आईसीसी के अभियान के उत्तर में की गई पहल के रूप में देखा गया है. इस बीच सूत्रों के अनुसार जो समाचार है मुताबिक आईसीसी का प्रमुख यह इल्जाम होगा कि इजराइल ने गाजा में फिलिस्तीनियों को जानबूझकर भूखा रखा है.
अमेरिका ने क्या कहा
रॉयटर्स के अनुसार संयुक्त देश में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने सोमवार को कहा, ‘आईसीसी एक स्वतंत्र संगठन है और उनके कोशिश अमेरिका के किसी भी संपर्क या हस्तक्षेप के बिना किए जा रहे हैं.’ हालांकि, व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने बाद में कहा, ‘इस स्थिति में आईसीसी का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है और हम इसकी जांच का समर्थन नहीं करते हैं.’
वारंट जारी होने का प्रभाव
रॉयटर्स के मुताबिक, इंग्लैंड में एसेक्स यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल लॉ के लेक्चरर मैथ्यू गिललेट ने बोला कि गिरफ्तारी वारंट जारी होने बाद आदमी उन 120 से अधिक राष्ट्रों की यात्रा नहीं कर पाएगा जो आईसीसी के सदस्य हैं. ऐसा करने पर उसके अरैस्ट होने की आसार होती है. आईसीसी के मेंबर्स में अधिकतर यूरोपीय देश, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. गिललेट ने बोला कि यदि इजराइली ऑफिसरों के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाता है तो कुछ सहयोगी राष्ट्र हथियारों की सप्लाई कम करने, राजनयिक यात्राओं को कम करने या फिर इजराइल के अंतर्राष्ट्रीय अलगाव को बढ़ाने जैसी कार्रवाई कर सकते हैं.