अंतर्राष्ट्रीय

आखिर अंतरिक्ष में कौन कर रहा हथियारों की तैनाती, जिसके खिलाफ रूस पहुंचा UN

संयुक्त राष्ट्र: दुनिया में लगातार बढ़ रही प्रतिस्पर्धाओं के मद्देनजर कई शक्तिशाली राष्ट्र अंतरिक्ष में भी अपनी सेना और विनाशक हथियारों की तैनाती कर रहे हैं. चीन और अमेरिका समेत अनेक राष्ट्र इस सूची में हैं. अंतरिक्ष युद्ध छिड़ने से दुनिया का अस्तित्व खतरे में हो सकता है. ऐसे में रूस ने अंतरिक्ष युद्ध की आशंकाओं को पनपने से पहले ही रोकने के लिए संयुक्त देश (यूएन) पहुंच गया है. रूस ने संयुक्त देश में एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें सभी राष्ट्रों से बाह्य अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती ‘‘हमेशा के लिए रोकने’’ के वास्ते तुरन्त कदम उठाने की अपील की गई है. दिलचस्प बात यह है कि एक हफ्ते पहले कमोबेश इसी प्रकार का एक प्रस्ताव अमेरिका और जापान ने संयुक्त रूप से विश्व निकाय में पेश किया था, जिसपर रूस ने वीटो कर दिया था.

अब आप यह सोचकर दंग होंगे कि जब रूस को इस प्रस्ताव को लागू ही करवाना था तो उस समय वीटो क्यों किया और यदि इसे खारिज ही करवाना था तो अब इसे लागू करने के लिए मॉस्को स्वयं प्रस्ताव लेकर यूएन क्यों पहुंच गया है. रूस के इस प्रस्ताव में अमेरिका और जापान के प्रस्ताव से इतर बाह्य अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती हमेशा के लिए रोकने के लिए तुरन्त कदम उठाने की बात है वहीं अमेरिका और जापान के प्रस्ताव में अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों की तैनाती रोकने के लिए कदम उठाने की बात की गई थी.

रूस ने ही पहले किया प्रस्ताव पर वीटो, फिर की ये मांग

संयुक्त देश में रूस के राजदूत वासिली नेबेंजिया ने जब अमेरिका-जापान के प्रस्ताव पर वीटो किया था, तब उन्होंने सुरक्षा परिषद में बोला था कि यह अंतरिक्ष में सभी प्रकार के हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए असरदार नहीं है. रूस ने जिस प्रस्ताव पर वीटो किया था उसमें पूरा ध्यान सिर्फ़ परमाणु हथियारों सहित सामूहिक विनाश के हथियारों पर केन्द्रित था और उसमें अंतरिक्ष में अन्य हथियारों की तैनाती के संबंध में कोई उल्लेख नहीं था. अब रूस ने किसी भी तरह के विनाशक हथियारों की अंतरिक्ष में तैनाती के विरुद्ध हैं. 2 मई (एपी)

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