अंतर्राष्ट्रीय

अब भी पाकिस्तान में हैं अफगानिस्तान के कम से कम दस लाख शरणार्थी

कराची . पिछले वर्ष अक्टूबर से करीब छह लाख अफगान लोगों को पाक से उनके घर वापस भेजा जा चुका है लेकिन अफगानिस्तान के कम से कम दस लाख शरणार्थी अब भी पाक में हैं तथा निर्वासन की संभावना में यह लोग छिप-छिपकर रह रहे हैं. पाक में रह गए ये लोग अफगानिस्तान नहीं जाना चाहते. निर्वासन के डर से उन्होंने सार्वजनिक आवाजाही कम कर दी है, अपनी नौकरियां छोड़ दी हैं और अपने घरों के आसपास भी बहुत कम निकलते हैं.

उनके लिए आजीविका कमाना, किराये पर घर लेना, खाने-पीने का सामान खरीदना या उपचार कराना बहुत कठिन हो गया है क्योंकि उन्हें पुलिस द्वारा पकड़े जाने या पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा उनके बारे में ऑफिसरों को बताए जाने का जोखिम है. कराची में पुलिस ने 18 वर्ष के एक किशोर की नकदी, टेलीफोन और मोटरसाइकिल छीनकर उसे निर्वासन केंद्र में भेज दिया था. वहां से उसे अफगानिस्तान भेज दिया गया. उसके माता-पिता करीब 50 वर्ष पहले अफगानिस्तान छोड़कर यहां आए थे. वह इससे पहले कभी अफगानिस्तान नहीं गया और उसके पास जाते समय कपड़ों के अतिरिक्त कुछ नहीं था.

अफगानिस्तान में युद्ध के हालात के बीच ऐसे कम से कम 17 लाख लोगों ने पाक में शरण ली थी. हालांकि वे पाक में बिना किसी कानूनी अनुमति के रहते रहे लेकिन अब पाक ने उन्हें अफगानिस्तान वापस भेजने के लिए अभियान चला रखा है. करीब 15 वर्ष की उम्र से गाड़ी मेकेनिक के रूप में काम कर रहे एक पुरुष ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर वार्ता में गिरफ्तारी और निर्वासन का अंदेशा जताया. उसने यहां रहने के लिए दस्तावेजों की खातिर आवेदन किया है लेकिन उसे ऐसे कागज मिलने की आसार नहीं है. पाक अफगान शरणार्थियों या उनके बच्चों को कागजात जारी नहीं कर रहा है. पुरुष ने कहा, ‘‘मेरी जीवन यहां है. अफगानिस्तान में मेरा कोई दोस्त, परिवार, कुछ भी नहीं है.

 



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