स्वास्थ्य

युवराज सिंह और संजय दत्त ने विदेश में जाकर क्यूँ कराया ‘कैंसर’ का इलाज, जानिए क्या थी वजह?

कैंसर के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए हर वर्ष सात नवंबर को नेशनल कैंसर अवेयरेस डे (National Cancer Awareness Day) मनाया जाता है कैंसर एक ऐसी डरावनी रोग है जिसका इलाज, उसमें लगने वाला खर्चा और समय आदमी को तोड़कर रख देत हैं यह रोग बहुत तेजी से फैल रही है जब किसी के परिवार के सदस्य को इस रोग के होने का पता चलता है तो सबसे बड़ा प्रश्न होता है कि उपचार कहां कराएं

भारत जैसे राष्ट्र में एक बड़ी जनसंख्या जो छोटी-मोटी रोंगों का उपचार तक प्राइवेट अस्पतालों में नहीं करा पाती है तो कैंसर का तो कैसे ही कराएगी इसका उपचार बहुत महंगा है, जिसका भार उठाना आम आदमी के वश की बात नहीं है

वहीं कुछ लोगों का मानना है कि विदेशों में ही इस रोग का ठीक उपचार संभव है, तभी तो क्रिकेटर युवराज सिंह और फिल्म अदाकार संजय दत्त ने विदेशों में जाकर उपचार कराया कई लोगों का मानना है कि हिंदुस्तान में इसका ठीक उपचार नहीं हो पाता है यदि यह ठीक है तो कौन से राष्ट्रों में उपचार कराना चाहिए और इसका खर्चा कितना आता है इसपर जानते हैं जानकार की क्या राय है

उनके अनुसार दूसरा लाभ है कि वहां उपचार एक तय गाइडलाइन के अनुसार ही होती है इसके लिए एक सिस्टम तय है तीसरी जरूरी बात प्राइवेसी की है यदि कोई बड़ा सेलिब्रिटी हिंदुस्तान के किसी निजी हॉस्पिटल में उपचार कराएगा तो उसकी प्राइवेसी मेंटेन नहीं रह पाएगी

डॉक्टर गोविंदा के अनुसार दूसरे राष्ट्रों में उपचार कराने का हानि यह है कि वहां इसका उपचार महंगा है उनके अनुसार हिंदुस्तान में उपचार का जो पैसा लगता है उसके 20 गुना अधिक पैसा अमेरिका और यूरोप के राष्ट्रों में कैंसर के उपचार पर खर्च हो सकता है

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