स्वास्थ्य

सर्दी, खांसी और जुकाम जैसी बीमारियां से छुटकारा पाने में संजीवनी बूटी का काम करता है यह पौधा

सर्द हवाएं और धीरे-धीरे ठंडी का बढ़ना प्रारम्भ हो चुका है जिसके दौरान सर्दी, खांसी और जुकाम जैसी बीमारियां लोगों को परेशान करती है हर कोई इन रोंगों से बचना चाहता है वहीं एक पेड़ है, जो किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं हैअगस्त का पेड़ जो सर्दी, खांसी-जुकाम और बुखार के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है इसका जड़, छाल, तन, फल-फूल, पत्तियां और बीज सभी का भिन्न-भिन्न इस्तेमाल है और गजब का फायदा है अनेक गंभीर रोंगों को जड़ से समाप्त करने में यह औषधि संजीवनी बूटी का काम करती है आइए जानते हैं कि इसका उपयोग, महत्व, विशेषता और किन-किन रोंगों में यह किस प्रकार से कारगर होता है

शांति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डाक्टर आरवीएन पांडेय बताते हैं कि यह गजब का पेड़ है इसका इस्तेमाल बहुत है अनेक गंभीर रोंगों को जड़ से समाप्त करने में एक तरह से बोला जाए तो यह पेड़ संजीवनी बूटी से कम नहीं है डॉक्टर के परामर्श के मुताबिक इसका इस्तेमाल करके अनेक गंभीर रोंगों को जड़ से समाप्त किया जा सकता है

ये है इस औषधि का कमाल और उपयोग
डॉ आरवीएन पांडेय ने बोला कि यह पेड़ स्वस्थ मानव जीवन में अहम किरदार निभाता है सबसे बड़ी विशेषता तो यह है कि इसका जड़, छाल, फल-फूल, पत्तियां और बीज यह अनेक भाग शरीर के अनेक गंभीर रोंगों को जड़ से समाप्त करने में रामबाण सिद्ध होती है एक तरह से बोला जाए तो अगस्त्य ऋषि के शक्ति से कम नहीं है यह औषधीय पेड़ जिसका नाम ही अगस्त्य है ठंडी के मौसम में इसका महत्व और बढ़ जाता है

इसका फूल भी ठंडी के मौसम में ही खिलता है जिसका जिसका काढ़ा बहुत कारगर होता है इसके अतिरिक्त इसकी पत्तियों का स्वरस निकालकर नाक में डालने से माइग्रेन ठीक हो जाता है  माइग्रेन के उल्टा साइड के नाक में इसका स्वरस डाला जाता है

इन बिमारियों में है कारगर साबित
इसके अन्य कई फायदा है जैसे आंख की समस्या, महिलाओं के श्वेत प्रदर की समस्या, अर्थराइटिस और पेट से संबंधित बीमारियां इत्यादि इसके फूलों का काढ़ा बनाकर सेवन करने से सर्दी-जुखाम बुखार के साथ ही कब्ज भी जड़ से खत्म हो जाता है इसके उपयोगी भागों को काढ़ा, चूर्ण और रस के रूप में सेवन किया जा सकता है यह यादाश्त के लिए काफी प्रसिद्ध औषधि है इसके बीजों से ऑयल भी निकाला जाता है

चुकी आयुर्वेद पद्धति के द्वारा ही गंभीर रोंगों को जड़ से समाप्त किया जा सकता है इसलिए गवर्नमेंट भी इसको बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है इसको ध्यान में रखते हुए यह औषधि जिले के बांसडीह रोड में स्थित शांति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज मझौली परिसर में उपस्थित है आवश्यकतानुसार रोगियों को नि:शुल्क वितरण किया जाता है ताकि इसका फायदा जानकर हर लोग आयुर्वेद के प्रति सतर्क हो सके

बिन डॉक्टर के परामर्श न करें इसका सेवन
विशेषज्ञ बताते हैं कि हर औषधि का अपना भिन्न-भिन्न साइड इफेक्ट होता है इसलिए खास तौर से गर्भवती स्त्री और छोटे बच्चें इस औषधि का बिना डॉक्टर के परामर्श सेवन न करें किसी भी हालात में बिना डॉक्टर के परामर्श औषधि का सेवन करना फायदेमंद नहीं होता है औषधि के सेवन करने का जो मुख्य मात्रा है वह एक डॉक्टर ही निर्धारित कर सकता है बिन डॉक्टर परामर्श औषधि का सेवन फायदेमंद की स्थान नुकसानदायक भी हो सकता है इसलिए डॉक्टर के परामर्श से ही किसी औषधि का सेवन करना फायदेमंद होता है

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