स्वास्थ्य

ज्यादा स्ट्रेस लेने से आपके पाचन को हो सकती है कई बड़ी दिक्कतें, जानें क्या है लक्षण

तनाव को एक मानसिक स्वास्थ्य परेशानी माना जाता है. काम के दबाव और पारिवारिक-सामाजिक स्थितियों के कारण तनाव महसूस होना सामान्य बात है, लेकिन यदि यह परेशानी लंबे समय तक बनी रहे तो आपको सावधान होने की आवश्यकता है. तनाव की समस्याओं पर ध्यान न देने से लंबे समय में अवसाद जैसी गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. तनाव की स्थिति में रक्तचाप बढ़ना, चिंता, पसीना आना जैसी समस्याएं होना आम बात है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह पाचन संबंधी विकारों का कारण भी बन सकता है?

यह आश्चर्य की बात हो सकती है, लेकिन तनाव या मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं पाचन संबंधी लक्षणों का कारण बन सकती हैं. ऐसे लक्षण अक्सर पेट दर्द, कब्ज से जुड़े होते हैं, जो आपको भ्रमित कर सकते हैं.

तनाव और पाचन संबंधी समस्याएं

स्वास्थ्य जानकारों का बोलना है कि तनाव न सिर्फ़ मानसिक स्वास्थ्य परेशानी है बल्कि शरीर में कई अन्य समस्याएं भी बढ़ा सकता है. तनावपूर्ण स्थितियाँ हमारी आंत में बैक्टीरिया के संतुलन को प्रभावित करने लगती हैं जिससे पेट खराब हो सकता है. जो लोग लगातार तनाव और चिंता का अनुभव करते हैं, उनमें पेट खराब, दर्द, कब्ज और आंत्र विकार का खतरा भी बढ़ जाता है. इसके लक्षणों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है.

लगातार दस्त और अपच

यदि आप बार-बार तनावग्रस्त रहते हैं, तो यह कब्ज के साथ-साथ दस्त और अपच जैसे पाचन संबंधी विकारों का कारण बन सकता है. तनाव हार्मोन बड़ी आंत में मोटर फ़ंक्शन को तेज़ कर देते हैं, जिससे ऐसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. इसके अतिरिक्त आपको जी मिचलाने की भी परेशानी होती है. आमतौर पर ये समस्याएं अन्य पाचन रोगों के कारण होती हैं, इसलिए आप इनसे भ्रमित हो सकते हैं.

अतिसक्रिय मूत्राशय

तनाव हार्मोन के रिलीज़ होने से आपको बार-बार पेशाब करने की ख़्वाहिश महसूस हो सकती है या रात में पेशाब करने के लिए बार-बार उठना पड़ सकता है. ऐसी मूत्र संबंधी समस्याएं मधुमेह में भी होती हैं, इसलिए इससे भ्रमित न हों. तनाव नियंत्रित होते ही ये समस्याएं भी दूर होने लगती हैं.

पेट में ऐंठन और दर्द

पेट में ऐंठन और दर्द भी सामान्य तनाव प्रतिक्रियाएं हैं. तनाव हार्मोन हार्मोनल असंतुलन का कारण बनते हैं जो सूजन, दर्द और कब्ज का कारण बनते हैं. वैसे तो तनाव प्रबंधन को जरूरी माना जाता है, लेकिन यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आपकी शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ने का खतरा रहता है.

Related Articles

Back to top button