Aligarh में डायबिटीज का मामला देखने को मिल रहा है अधिक, क्या है इसकी वजह
हर मर्ज को दो से तीन गुना तक बढ़ा देने वाली डायबिटीज की रोग अब हर घर में पैर पसार चुकी है। कभी शहरों की कहे जाने वाली रोग आज गांवों में पसार चुकी है। जिसमें टाइप टू के डायबिटीज रोगियों की संख्या अधिक है। इसका मुख्य कारण शरीर में मोटापा और फैट बढ़ना कहा गया है। फिजिकल वर्क कम होने की वजह से यह रोग और तेजी से पैरा पसार रही है। वहीं युवा वर्ग बाहरी खान पान, एल्कोहल, स्मोकिंग की वजह से प्री डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में यदि कंट्रोल नहीं किया तो जल्द ही टाइप टू डायबिटीज की श्रेणी में आ सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जनपद में कुल डायबिटीज रोगियों की संख्या 30 से 35 प्रतिशत के करीब है। वहीं प्री डायबिटीज रोगियों की संख्या लगभग 12 से फीसदी तक आंकी गई है।
पुरुष तो 13 महिलाएं हाई रिस्क पर
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2021-22 में पहली बार डायबिटीज रोगियों को लेकर सर्वे को शामिल किया गया है। सर्वे के अनुसार अलीगढ़ जनपद में 13.1 प्रतिशत स्त्री हाई रिस्क पर हैं। वहीं 14.9 प्रतिशत पुरुष डायबिटीज के हाई रिस्क पर हैं। जो हाई डोज दवा पर निर्भर कर रहे हैं। उच्च डायबिटिक रोगियों में महिलाएं 5.3 प्रतिशत और पुरुष 6.1 प्रतिशत शामिल हैं। जिसका ब्लड सुगर 0 से अधिक पाया गया है। आगरा और अलीगढ़ मंडल की बात करें तो डायबिटीज रोगियों की संख्या अलीगढ़ में अधिक है।
युवाओं का बढ़ रहा चश्मे का नंबर
प्री डायबिटीज और डायबिटीज के शिकार युवा वर्ग तेजी से हो रहा है। डायबिटीज कंट्रोल नहीं होने की वजह से युवाओं के आंखों के चश्मे का नंबर भी तेजी बढ़ रहा है। दूर की कम और निकट दृष्टि अधिक प्रभावित हो रही है। नजर कमजोर करने के साथ ही रेटिनोपैथी, ग्लूकोमा का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। इसके अतिरिक्त युवाओं में कार्डिएक अरेस्ट और अन्य बीमारियां भी गंभीर रूप ले रही हैं।
प्री डायबिटीज रोगियों की संख्या में तेजी बढ़ोतरी हो रही है। इसका मुख्य कारण एल्कोहल, स्मोकिंग और मॉडर्न लाइफ उत्तरदायी है। युवाओं को शरीर के वजन और डायबिटीज पर कंट्रोल करने की जरूरत है।
डॉ। विपिन गुप्ता, वरिष्ठ फिजिशियन
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे इतर भी लोगों में डायबिटीज का मुद्दा अधिक देखने को मिल रहा है। यह तेजी से युवा और सभी अधिक के उम्र के लोगों को जकड़ रहा है। ऐसे में बाहरी खान पान और लाइफस्टाइल में परिवर्तन करने की जरूरत है।
डॉ। नीरज त्यागी, सीएमओ अलीगढ़