आइए जानते हैं, पेट में कैंसर के शुरुआती लक्षणों के बारे में…
Symptoms Of Stomach Cancer: पूरे विश्व में कैंसर की रोग तेजी से अपना पैर पसार रही है। हिंदुस्तान में, पेट का कैंसर मर्दों में पांचवां सबसे आम कैंसर है और स्त्रियों में सातवां सबसे आम कैंसर है। वैसे तो कैंसर कई प्रकार के होते हैं, लेकिन पेट का कैंसर इनमें से एक है। जी हां, पेट का कैंसर काफी गंभीर और जानलेवा होता है। हाल ही में अमेरिकी गायक टोबी कीथ की पेट के कैंसर से मृत्यु हो गई। 62 वर्ष के संगीतकार कीथ इस विशिष्ट कैंसर के लिए उपचार करा रहे थे। चिकित्सक की मानें तो पेट कैंसर की आरंभ में पहचान कर ली जाए तो इसका उपचार किया जा सकता है। लेकिन, इसके लिए महत्वपूर्ण है कि रोग के लक्षणों और संकेतों के बारे में जानकारी हो। हालांकि, डॉक्टर्स बताते हैं कि पेट के कैंसर का पता लगाना थोड़ा कठिन है, क्योंकि जब तक लक्षण महसूस होते हैं जब बीमार एडवांस स्टेज में होता है। तो, आइए यूपीयूएमएस सैफई के असिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर सिद्धार्थ कुमार (रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग) से जानते हैं पेट में कैंसर के शुरुआती लक्षणों के बारे में-
कैसा होता है पेट में कैंसर
डॉ। सिद्धार्थ के मुताबिक, पेट का कैंसर तब बनता है जब आपके पेट की कोशिकाओं के डीएनए में म्यूटेशन होता है। डीएनए वह कोड है, जो कोशिकाओं को बताता है कि कब बढ़ना है और कब मरना है। म्यूटेशन के कारण कोशिकाएं तेजी से बढ़ती हैं और अंततः मरने के बजाय ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। कैंसर कोशिकाएं स्वस्थ कोशिकाओं से आगे निकल जाती हैं और पेट की दीवारों को प्रभावित करने के साथ अनेक क्रिया को प्रभावित करनी लगती है। ऐसे में जल्द से जल्द उपचार लेना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
पेट के कैंसर के लक्षण
- जी मिचलाना
- खून के साथ या बिना खून के उल्टी होना
- भूख में बदलाव
- पेट की सूजन
- पेट में जलन
- अपच
- पेट में दर्द
- सीने में जलन-दर्द
पेट कैंसर के रिस्क फैक्टर
- अधिक नमक और ऑयल वाला खाना
- स्मोकिंग
- शराब पीना
- पेट का अल्सर
- पेट के म्यूकस की परत में सूजन
- खाने में फल और सब्जी को कम या न शामिल करना
- मोटापा
- पेट में बैक्टिरीयल इन्फेक्शन
- जेनेटिक्स
पेट के कैंसर का इलाज
डॉक्टर के मुताबिक, इस कैंसर के इलाज के विकल्पों में कीमोथेरेपी, सुपर-मेजर सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी और कभी-कभी टारगेट थेरेपी शामिल हैं। पेट का कैंसर स्वाभाविक रूप से तेजी से बढ़ने वाला ट्यूमर है और शरीर के अन्य भागों में तेजी से फैलता है। इससे उपचार प्रारम्भ करने के लिए अधिक समय नहीं मिल पाता। साथ ही, खराब जीवविज्ञान का मतलब है कि इलाज के बाद ट्यूमर के दोबारा होने की आसार अधिक है।