मौसम में बदलाव के कारण श्वास संबंधी मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी
मौसम में आए परिवर्तन का असर अस्पतालों में नजर आने लगा है। अस्पतालों में इस समय रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। श्वसन बीमारी संस्थान में अभी ओपीडी में रोगियों की संख्या 1000 के करीब है। डॉक्टरों का बोलना है कि सर्दी के मौसम में जुखाम, खांसी, टीबी, श्वास संबंधी बीमारियां बढ़ती है। जिसके कारण इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी हो जाता है। पिछले वर्ष से अब तक करीब 1 लाख 36 हजार रोगी हॉस्पिटल पहुंचे है। वहीं दूसरे राज्यों से आने वाले रोगियों की बात की जाए तो 900 रोगी दूसरे राज्यों से उपचार कराने पहुंचे हैं।
माह- रोगियों की संख्या
जनवरी- 8840
फरवरी- 10093
मार्च- 9901
अप्रैल- 9657
मई- 10450
जून- 9651
जुलाई- 10020
अगस्त- 11130
अक्टूबर- 12023
नवंबर- 10107
दिसंबर- 11539
जनवरी 2024- 12650
अस्पताल में बढ़ रही रोगियों की संख्या को लेकर श्वसन बीमारी संस्थान एचओडी डॉ आशीष सिंह ने कहा कि अभी मौसम में अचानक परिवर्तन हो रहा है, जिसके कारण अचानक श्वास संबंधी रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो जाती है। अभी हॉस्पिटल में ओपीडी में रोगियों की संख्या बढ़ी है। जो रूटिन से अधिक है। रोगी बढ़ने में मौसम में परिवर्तन तो एक कारण है कि इसके साथ ही धुंआ, पॉल्यूशन, धूल मिट्टी के कारण भी श्वास के रोगियों में बढ़ोतरी हो जाती है। अभी टीबी के पेंशेंटों में भी बढ़ोत्तरी हुई है।
टीबी के रोगी दवाई लेने भी पहुंच रहे अस्पताल
टीबी की दवा और जांच की सुविधा जिले में है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग सिर्फ़ दवा लेने श्वसन बीमारी संस्थान पहुंच रहे हैं। डॉ आशीष सिंह ने कहा कि टीबी में मुख्यत कफ की जांच करनी पड़ती है। जिसके लिए दो तरह की जांचे होती है। जिसमें AFB SMEAR और CB NAAT, जिससे रोगी में टीबी की स्थिति के बारे में पता चलता है लेकिन जागरूकता के अभाव में बिना हॉस्पिटल में दवा लिए ही सीधे राजधानी का रूख कर रहे हैं। सिंह ने बोला कि इसके लिए जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने बोला कि इसके लिए रेफरल सिस्टम हो तो यहां रोगियों के दबाव को कम किया जा सकता हैपिछले वर्ष से अब तक करीब 800 रोगियों की मृत्यु सांस में तकलीफ के चलते हुई है। डॉक्टरों का बोलना है कि कई बार रोगी बहुत देरी से हॉस्पिटल पहुंचता है, जिसके कारण मृत्यु का आंकड़ा बढ़ता है।