अक्टूबर महीने में मानसून की विदाई के साथ ही गुलाबी ठंड की आरंभ हो चुकी है। गुलाबी ठंड का अनुभव सुबह शीघ्र और देर रात को होता है। यही वह समय है जब अधिकतर बीमारियाँ फैलती हैं। इस दौरान डेंगू के अतिरिक्त सर्दी-खांसी जैसे वायरल बुखार भी तेजी से होते हैं। यह साल का वह समय है जब स्वास्थ्य को सबसे अधिक गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यदि थोड़ी भी ढिलाई हुई तो रोग फैल जाएगी।
साल के इस समय में यदि दिनचर्या और खान-पान में कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाए तो शरीर पूरे वर्ष स्वस्थ रहता है। तो आइए आपको बताते हैं कि इस दौरान क्या परिवर्तन करने होंगे।
रात को गर्म कपड़े पहनें
ठंड प्रारम्भ होते ही यदि कपड़ों का ध्यान न रखा जाए तो रोग घर कर लेती है। रात में होने वाली ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने चाहिए। खासकर जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर है उन्हें इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए।
खुले जूते न पहनें
अगर आपको रात में कोड़े मारने की आदत है तो खुले जूते पहनने की आदत बदल लें। जब भी आप रात में बाहर जाएं तो दस्ताने और जूते पहनें जो आपके पैरों को ढकें।
गर्म भोजन करें
ठंड प्रारम्भ होने पर शरीर को ठंड से बचाने के लिए गर्म भोजन का सेवन प्रारम्भ कर देना चाहिए। इस दौरान गर्म दूध जैसी किसी चीज का सेवन करना महत्वपूर्ण है।
पानी पीते रहें
जब सर्दी प्रारम्भ होती है तो तुरंत कम महसूस होती है लेकिन फिर भी दिन में सात से आठ गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। अगर आप पर्याप्त पानी नहीं पियेंगे तो इस माहौल में शरीर रोंगों का घर बन जायेगा।
कूलर-एसी का प्रयोग बंद करें
इस दौरान एसी या कूलर का इस्तेमाल भी बंद कर देना चाहिए। देर रात ठंड प्रारम्भ होने पर एसी या कूलर में सोने से शरीर बीमार हो सकता है। क्योंकि वातावरण की ठंडक और एसी की ठंडक शरीर को बीमार कर सकती है।
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