उच्च रक्तचाप वाले रोगी शीतकालीन आहार में शामिल करें ये खाद्य पदार्थ
जैसे ही सर्दियों का मौसम प्रारम्भ होता है, हमारे स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना जरूरी हो जाता है, खासकर उच्च रक्तचाप और दिल बीमारी जैसी स्थितियों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए। इस दौरान मुनासिब देखभाल की उपेक्षा करने से किसी की भलाई के लिए जरूरी जोखिम पैदा हो सकता है।
रक्त का थक्का बनने को समझना:
ठंडे तापमान में शरीर में रक्त गाढ़ा हो जाता है, जिससे थक्के जमने की आसार बढ़ जाती है। ठंड के मौसम में रक्त वाहिकाओं के संकुचन के कारण रक्तचाप बढ़ सकता है, जिससे उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों के लिए अपने आहार और जीवनशैली के बारे में सावधान रहना महत्वपूर्ण हो जाता है।
खून गाढ़ा होने के लक्षण:
रक्त गाढ़ा होने के लक्षणों का पता लगाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि वे अक्सर रक्त के थक्के बनने के बाद ही साफ होते हैं। पहचानने योग्य संकेतों में धुंधली दृष्टि, चक्कर आना, त्वचा पर चकत्ते, मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव, सिरदर्द, उच्च रक्तचाप, त्वचा में खुजली, थकान, सांस की तकलीफ और गठिया की समस्याएं शामिल हैं।
उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए शीतकालीन आहार में शामिल किए जाने वाले खाद्य पदार्थ:
अनार:
नाइट्रेट और पॉलीफेनॉल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर अनार रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने में सहायता करता है, जिससे रक्त प्रवाह में सुधार होता है।
लहसुन:
लहसुन, जो अपने प्राकृतिक रक्त-पतला गुणों के लिए जाना जाता है, तंत्रिका तनाव को कम करने, नसों की संकीर्णता को रोकने और उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम करने में सहायता करता है।
दालचीनी:
हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदा के साथ-साथ, दालचीनी रक्त वाहिकाओं को आराम देती है और कोरोनरी धमनियों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाती है, जो उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों के लिए जरूरी है।
अदरक:
अक्सर पाचन में सहायता के लिए पहचानी जाने वाली अदरक रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में भी सहयोग देती है, जिससे रक्त के थक्के बनने की आसार कम हो जाती है।