जल्द बाजार में उपलब्ध होगी डेंगू की वैक्सीन
डेंगू से निजात की आशा नजर आने लगी है। बाजार में जल्द इससे बचाव के लिए वैक्सीन मौजूद होगी। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) में महामारी विज्ञान और संचारी बीमारी प्रमुख डाक्टर निवेदिता गुप्ता ने केजीएमयू के साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में भारतीय एसोसिएशन ऑफ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट के वार्षिक सम्मेलन माइक्रोकॉन-2023 में यह जानकारी दी।डॉ। निवेदिता ने कहा कि अप्रैल 2024 से डेंगू वैक्सीन के लिए तीसरे चरण का परीक्षण प्रारम्भ करने की योजना है। इसमें 18 से 80 साल की उम्र के 10 हजार से अधिक लोग शामिल होंगे। पहले चरण में वैक्सीन की सुरक्षा, दूसरे में इससे शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी और तीसरे चरण में वैक्सीन का असर जांचा जाएगा। डाक्टर निवेदिता ने कहा, डेंगू का कोई उपचार नहीं है। उत्तर प्रदेश में इस वर्ष अब तक इसके 25 हजार से अधिक मुद्दे सामने आ चुके हैं। साल 2022 में यह संख्या 19,821 थी। कार्यक्रम में डाक्टर शीतल वर्मा, डाक्टर अमिता जैन आदि थे।
पीजीआई चंडीगढ़ की डाक्टर सुमित्रा खुराना ने कहा कि मलेरिया और कालाजार का उपचार तय समय तक कर लेना चाहिए। ऐसा न होने पर दवाओं के विरुद्ध एंटीबॉडी बन जाती है, जिससे वे काम नहीं करती हैं।
अस्पताल में फैले 70 प्रतिशत संक्रमण की वजह हाथ की गंदगी
एम्स नयी दिल्ली की डाक्टर पूर्वा माथुर ने कहा कि हॉस्पिटल जनित संक्रमण रोगियों के लिए बहुत खतरनाक है। इसे देखने के लिए 2015 में नेशनल नेटवर्क तैयार किया गया था। इससे पता चला कि भर्ती रोगियों में फैलने वाले 60 से 70 प्रतिशत संक्रमण की वजह हाथ की गंदगी होती है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इस संक्रमण को रोकने के लिए हर सौ रोगी पर कम से कम एक जानकार नर्स होनी चाहिए। हिंदुस्तान में एक हजार रोगी पर भी बमुश्किल एक जानकार नर्स है।
डेंगू के 25 और रोगी मिले: पारा लुढ़कने के बावजूद डेंगू कमजोर नहीं पड़ रहा है। शनिवार को 25 नए रोगी मिले। इनमें से कई भर्ती हैं। सीएमओ प्रवक्ता योगेश ने कहा कि अलीगंज, सिल्वर जुबली रोड पर पांच मुकदमा मिले। इंदिरानगर और एनके रोड क्षेत्र से चार-चार रोगी सामने आए। टुड़ियागंज से तीन, ऐशबाग से दो और चंदरनगर और गोसाईंगंज से एक-एक रोगी मिले। टीम ने 1250 घरों और इनके इर्द-गिर्द निरीक्षण किया।