स्वास्थ्य

Covid Vaccine: क्या कोरोना वैक्सीन से खून के थक्के, जानें एस्ट्राजेनेका कंपनी ने क्या बताया…

सोशल मीडिया पर आज सुबह से ही #Covishield और Covaxin ट्रेंड कर रहा है. लोग अपनी पुरानी पर्ची फिर से देख रहे हैं कि उन्होंने कौन सी वैक्सीन लगवाई है? रात से ही एक समाचार ने हिंदुस्तान के करोड़ों लोगों को टेंशन दे दी है. हाल के महीनों में अचानक मृत्यु की कई घटनाएं सामने आईं. वीडियो आए लेकिन उसे यह कहकर इग्नोर किया गया कि उसका कोविड-19 वैक्सीन से कोई ताल्लुक नहीं है लेकिन अब लंदन से जो रिपोर्ट आई है वह आपको परेशान कर सकती है. कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली एस्ट्राजेनेके कंपनी ने स्वयं मान लिया है कि उसके कोविड टीके से खून का थक्का जम सकता है. आइए पॉइंट्स में जानते हैं पूरी बात.

  1. लंदन में कई लोग वैक्सीन लगाने से गंभीर रूप से बीमार हो गए. ऐसे ही एक शख्स हैं जेमी स्कॉट. उन्होंने लंदन उच्च न्यायालय में मुकदमा किया. एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लेने के बाद उनका ब्रेन डैमेज हो गया था.
  2. अब न्यायालय के सामने एस्ट्राजेनेका कंपनी ने अपनी खामी स्वीकार कर ली है. ब्रिटिश न्यायालय में कंपनी ने पहली बार माना है कि उसकी वैक्सीन लगाने से खून के थक्के जमने (क्लॉटिंग) जैसे दुष्रभाव हो सकते हैं.
  3. शरीर में खून के थक्के जमने से ब्रेन स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. इसे TTS यानी थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम कहते हैं.
  4. इसके चलते शरीर में प्लेटलेट्स गिर सकता है. अब एस्ट्राजेनेका ने साइड इफेक्ट की बात कबूल ली है.
  5. एस्ट्राजेनेका की इसी वैक्सीन को हिंदुस्तान में कोविशील्ड के नाम से उतारा गया था. यहां हिंदुस्तान की कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इण्डिया SII ने एस्ट्राजेनेका से मिले लाइसेंस के अनुसार इस वैक्सीन का प्रोडक्शन किया था.
  6. सीरम इंस्टिट्यूट की तरफ से अब तक कुछ नहीं बोला गया है. ब्रिटेन के पीड़ित जेमी स्कॉट के दो बच्चे हैं. उनका ब्रेन स्थायी रूप से जख्मी हो गया है. अप्रैल 2021 में उन्होंने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगवाई थी और खून के थक्के जम गए. उनका कामकाज भी रुक गया.
  7. कंपनी ने बाद में वैक्सीन के बारे में जानकारी अपडेट कर दी थी. इसमें बोला था कि दुर्लभ मुकदमा में इससे ब्लड क्लॉट हो सकता है. अब इस वैक्सीन का इस्तेमाल यूके में नहीं हो रहा है.
  8. एस्ट्राजेनेका के एक प्रवक्ता ने कहा है कि वैक्सीन ने सुरक्षा मानकों को पूरा किया है. पूरे विश्व के नियामकों ने लगातार बोला है कि बहुत दुर्लभ मुकदमा में साइड इफेक्ट्स के खतरे से अधिक वैक्सीनेशन के फायदा हैं.
  9. इसी ऑक्सफोर्ड-Astrazeneca कंपनी की वैक्सीन हिंदुस्तान में कोविशील्ड के नाम से लगाई गई थी. करोड़ों लोगों ने इसे लगवाया था क्योंकि यह गांव-गांव मौजूद थी.
  10. हालांकि हिंदुस्तान में कुछ महीने पहले की गई ICMR स्टडी के आधार पर गवर्नमेंट ने बोला था कि कोविड वैक्सीन के कारण हार्ट अटैक नहीं हो रहे हैं.

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