ब्लड फ्लो में बदलाव से आपकी नजरें हो सकती हैं खराब, ऐसे करें बचाव
वैज्ञानिकों ने माइग्रेन के रोगियों पर रिसर्च के बाद दावा किया है कि ब्लड फ्लो में परिवर्तन से इन रोगियों की देखने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि माइग्रेन के रोगियों में दिमाग की उन नसों में ब्लड फ्लो कम हो जाता है, जो देखने की क्षमता को नियंत्रित करती हैं। इससे रोगियों को चक्कर आना, उल्टी होना, लाइट और ध्वनि से सेंसिटिविटी बढ़ना, साथ ही देखने की क्षमता में कमी आ सकती है।
वैज्ञानिकों द्वारा किया गया यह अध्ययन मीडिया ‘हेडेकः द जर्नल ऑफ हेड एंड फेस पेन’ में प्रकाशित हुआ है। शोध के अनुसार, माइग्रेन के लिए लंबे समय से मांगे जाने वाले अवलोकन योग्य मार्कर का अगुवाई कर सकते हैं। शोध में पाया गया कि इन रोगियों में दिमाग की ऑप्टिक नसों में ब्लड फ्लो कम होता है। ऑप्टिक नसें आंखों से दिमाग तक दृश्य जानकारी पहुंचाने का काम करती हैं। शोधकर्ताओं का बोलना है कि ब्लड फ्लो में कमी से इन नसों में सूजन और दर्द हो सकता है, जिससे देखने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
इन्होंने किया शोध
अध्ययन पूर्व यूसीएलए न्यूरोलॉजी विभाग के क्लिनिकल प्रशिक्षक डाक्टर कैथरीन पोड्राजा के नेतृत्व में किया गया। पूर्व यूसीएलए स्वास्थ्य अनुसंधान वैज्ञानिक नितिन बंगेरा, यूसीएलए गोल्डबर्ग माइग्रेन कार्यक्रम के नैदानिक अनुसंधान समन्वयक अकीरा फेलिज, यूसीएलए न्यूरोलॉजी विभाग के निदेशक डाक्टर एंड्रयू चार्ल्स और यूसीएलए गोल्डबर्ग माइग्रेन ने भी अध्ययन में योगदान किया।
सिरदर्द के समय रेटिना में ब्लड फ्लो हो जाता है कम
शोधकर्ताओं ने 37 माइग्रेन के रोगियों पर अध्ययन किया और पाया, आभा लक्षणों वाले और बिना आभा लक्षणों वाले माइग्रेन रोगियों में अटैक के दौरान रेटिना में खून का फ्लो कम हो जाता है। हालांकि, अध्ययन में आभा लक्षण वाले रोगियों में बिना आभा लक्षण वाले रोगियों की तुलना की गई। इसमें रेटिना के कुछ क्षेत्रों में खून का फ्लो कम पाया गया। इसके अतिरिक्त रेटिना में असीमित ब्लड फ्लो का संबंध इस बात से भी पाया गया कि माइग्रेन रोग से पीड़त रोगियों को अपने सिर में किस तरफ दर्द का अनुभव होता है।
आंखों के पास होता है दर्द
माइग्रेन से पीड़ित रोगियों को आए दिन आंखों के आसपास दर्द रहता है और तो और इस रोग के अटैक के समय इनकी देखने की क्षमता भी प्रभावित होती है। लाइट के प्रति सेंसिटिविटी, अंधे धब्बे और दृश्य धुंधलापन जैसे लक्षणों का अनुभव होता है। इन लक्षणों के पीछे के तंत्र को अच्छी तरह से समझा नहीं गया है।