आयुर्वेद: जानिए एक्सपर्ट के मुताबिक कैसे खाएं फल
प्रतिदिन फल खाने की राय दी जाती हैं, क्योंकि ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाते हैं। आयुर्वेद के नजरिए से देखें तो ताजे फल को बहुत हल्का और पचाने में सरल माना जाता है। हालांकि, गलत ढंग से इसे खाने पर हानि हो सकता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डाक्टर दीक्षा भावसार के लेटेस्ट पोस्ट में उन्होंने कहा है कि फल खाने का ठीक समय क्या है।
पोस्ट की मानें तो जब आप किसी हैवी खाने के या बाद में खाया जाता है, तो यह पेट में तब तक रहता है जब तक सबसे भारी खाने को पचने में समय लगता है। जिसकी वजह से ये बहुत लंबे समय तक पेट में रहता है और हमारे पाचक रसों द्वारा अधिक पकाया जाता है और फर्मेंट होना प्रारम्भ हो जाता है। एक्सपर्ट कहते हैं कि ये ठीक वैसा है जैसे धूप में पके फलों की एक बाल्टी धूप में रखी हुई है। ये वैसा होता है जैसे अनुचित रूप से पचने वाले टॉक्सिन के रूप में जाना जाता है। जानिए एक्सपर्ट के अनुसार कैसे खाएं फल-
जानिए फल खाने का तरीका और समय-
– फलों को अकेले खाना हमेशा अच्छा माना जाता है, ये खाने के साथ या बाद में नहीं खाने चाहिए।
– खाने से 1 घंटा पहले या 2 घंटे बाद फल खा सकते हैं।
– फलों को दूध या दही के साथ न खाएं।
– फ्रूट जूस तभी पियें जब आपका पाचन खराब हो, या ठीक से चबा न सकें और कमजोरी हो।
– देर रात या दिन में फल न खाएं।
दूध के साथ कैसे मिलाएं फल-
– दूध को सिर्फ़ फ्रेश मीठे और पके फलों के साथ ही मिलाना चाहिए।
– पके हुए मीठे आम को दूध के साथ मिलाया जा सकता है।
– एवोकैडो को दूध के साथ मिलाया जा सकता है (यह मलाईदार, मक्खन जैसा और थोड़ा कसैला होता है)।
– किशमिश, खजूर और अंजीर जैसे सूखे मेवे दूध के साथ मिलाए जा सकते हैं।
दूध में ना मिलाएं ये चीजें
– जामुन, स्ट्रॉबेरी जैसे फलों को दूध के साथ मिलाने से बचें। इस तरह के फलों को दूध में मिलाने से पाचन से जुड़ी परेशानी होगी।
– केले भले ही मीठे होते हैं, लेकिन दूध के साथ खाने के बाद, पाचन का असर खट्टा होगा, इसलिए दोनों को एक साथ नहीं खाना चाहिए।
– दूध और फल को भिन्न-भिन्न खाना एक अच्छा ऑप्शन है।