हर तीन में से एक भारतीय किसी न किसी तरह की एलर्जी से है परेशान : रिपोर्ट
एलर्जी का कारण
रिपोर्ट के अनुसार, मौसम में परिवर्तन होने पर एलर्जी तेजी से होती है. कहा जाता है कि पेड़-पौधों के फूलों से फैलने वाले पराग कणों से भी एलर्जी काफी फैलती है. इसके लिए सर्दियों का मौसम गर्मियों के मौसम से अधिक घातक माना जाता है. इसके अतिरिक्त शंख, सीप, दूध, पनीर, मेवे, मटर की फली, मधुमक्खी, कुत्ते, बिल्ली और अंडे से भी एलर्जी होने का खतरा रहता है. यह किसी भी उम्र में हो सकती है.
शेलफिश से एलर्जी
हाल ही में अमेरिका में एक आदमी शेलफिश से एलर्जी की चपेट में आया. यह इस तरह का पहला मुद्दा है. जांच में पता चला कि एलर्जी उसने जो खाया था, उससे हुई थी. एलर्जी से पीड़ित आदमी ने कहा कि उसे मछली खाना पसंद है. यह पहली बार था जब उसने शेलफिश खाई थी.
क्या उम्र बढ़ने के साथ एलर्जी बढ़ रही है?
न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई में इस्कॉन विद्यालय ऑफ मेडिसिन की एलर्जिस्ट और इम्यूनोलॉजिस्ट डाक्टर श्रद्धा अग्रवाल का बोलना है कि वैज्ञानिक अभी तक यह पता नहीं लगा पाए हैं कि उम्र बढ़ने के साथ एलर्जी क्यों बढ़ती या घटती है. वह कहती हैं कि एलर्जी कई तरह से हो सकती है. जब इम्यून सिस्टम गलती से पराग या जानवरों के बालों के संपर्क में आता है, तो एलर्जी की आसार बढ़ जाती है. इससे खांसी, छींक, खुजली, पित्ती, उल्टी, सांस लेने में दिक्कत, अस्थमा और बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.