सोते समय इस तरह मिल सकते हैं स्लिप पैरालिसिस के लक्षण
नींद एक ऐसी हालत है जिसमें हम आराम करते हैं और थकान मिटाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नींद के दौरान भी कुछ ऐसी घटनाएं हो सकती हैं जो आपको डरा सकती हैं? स्लिप पैरालिसिस एक ऐसी ही घटना है जो नींद और जागने के बीच की हालत में होती है।
स्लिप पैरालिसिस क्या है?
स्लिप पैरालिसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें आदमी सोते समय थोड़ी देर के लिए हिलने-डुलने या बोलने में असमर्थ होता है। यह आमतौर पर कुछ सेकंड या मिनट तक रहता है, लेकिन कुछ मामलों में यह 10 मिनट तक भी रह सकता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के मुताबिक, स्लीप पैरालिसिस से पीड़ित लोग आमतौर पर 14 से 17 वर्ष की उम्र के बीच में पहली बार इस स्थिति का अनुभव करते हैं।
स्लिप पैरालिसिस के लक्षण
सोते समय अचानक जागना
शरीर का हिलना-डुलना बंद होना
सांस लेने में तकलीफ
डर और भय
अजीब आवाजें सुनाई देना
किसी का दबाव महसूस होना
स्लिप पैरालिसिस के कारण
स्लिप पैरालिसिस के कई कारण हो सकते हैं। उनमें कुछ की बात की जाए तो, नींद की कमी होना, तनाव होना, स्लिप साइकल का डिस्टर्ब होना आदि। कभी-कभी कुछ दवाओं के साइड एफेक्ट की वजह से भी स्लिप पैरालिसिस हो सकता है। साथ ही कई बार दिमाग का संतुलन बिगड़ना भी स्लिप पैरालिसिस का कारण हो सकता है।
स्लिप पैरालिसिस से बचाव
इस परेशानी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि पर्याप्त नींद लें और स्लिप साइकल को मेंटेन रखें। तनाव कम करने वाले योग को डेली लाइफ में शामिल करें। इसके अतिरिक्त यदि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से हो रहा है तो चिकित्सक से परामर्श लेकर इसका उपचार कराएं।
स्लिप पैरालिसिस के दौरान क्या करें
अगर किसी को स्लिप पैरालिसिस है तो सबसे पहले तो शांत रहें, क्योंकि ये आमतौर पर 2-5 मिनट से अधिक नहीं होता है। इसलिए डरे नहीं। इस दौरान धीरे-धीरे अपनी उंगलियों और पैरों को हिलाएं। अपने सांस लेने पर ध्यान दें। वैसे तो स्लिप पैरालिसिस एक गंभीर स्थिति नहीं है, लेकिन यह डराने वाली हो सकती है। यदि आप इस स्थिति का अनुभव करते हैं, तो घबराएं नहीं और यदि स्थिति गंभीर है तो चिकित्सक की राय लें।
यह भी ध्यान रखें
स्लिप पैरालिसिस कोई मानसिक रोग नहीं है, और न ही कोई भूत-प्रेत का खेल है। यह एक सामान्य स्थिति है जो कई लोगों को होती है। इसलिए अंधविश्वास से दूर रहें और आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सक से राय लें।