पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के शरीर में होते हैं ये बदलाव
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) प्रजनन उम्र की स्त्रियों में एक आम हार्मोनल विकार है। यह चयापचय, हार्मोनल संतुलन और प्रजनन क्षमता सहित शरीर के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है। पीसीओएस के प्रबंधन में एक समग्र दृष्टिकोण शामिल है, जिसमें जीवनशैली में परिवर्तन जैसे आहार बदलाव भी शामिल है। आइए चिकित्सा पेशेवरों द्वारा राय के मुताबिक पीसीओएस से पीड़ित स्त्रियों के लिए अनुशंसित आहार के बारे में जानें।
पीसीओएस क्या है?
पीसीओएस की खासियत हार्मोनल असंतुलन, अनियमित मासिक धर्म चक्र और अंडाशय पर छोटे सिस्ट की उपस्थिति है। सामान्य लक्षणों में अनियमित मासिक धर्म, बालों का अधिक बढ़ना, मुंहासे और वजन बढ़ना शामिल हैं।
हार्मोनल असंतुलन
पीसीओएस से पीड़ित स्त्रियों में अक्सर एण्ड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का स्तर सामान्य से अधिक होता है। इस हार्मोनल असंतुलन के कारण अनियमित ओव्यूलेशन और गर्भधारण करने में मुश्किल हो सकती है।
मेटाबोलिक परिवर्तन
पीसीओएस इंसुलिन प्रतिरोध से निकटता से जुड़ा हुआ है, एक ऐसी स्थिति जहां शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कारगर ढंग से प्रतिक्रिया नहीं करती हैं। इसके परिणामस्वरूप उच्च रक्त शर्करा का स्तर और टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।
पीसीओएस प्रबंधन में आहार की भूमिका
पीसीओएस के लक्षणों को प्रबंधित करने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में आहार जरूरी किरदार निभाता है। संतुलित आहार इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने, सूजन को कम करने और वजन घटाने को बढ़ावा देने में सहायता कर सकता है। पीसीओएस से पीड़ित स्त्रियों के लिए चिकित्सक क्या राय देते हैं:
कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ
कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाले खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर में धीरे-धीरे वृद्धि का कारण बनते हैं, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाने वाले स्पाइक्स को रोका जा सकता है। साबुत अनाज, फलियाँ, फल और सब्जियाँ चुनें।
पतला प्रोटीन
अपने आहार में चिकन, मछली, टोफू और फलियां जैसे दुबले प्रोटीन को शामिल करने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और तृप्ति को बढ़ावा देने, अधिक खाने और वजन बढ़ने से रोकने में सहायता मिल सकती है।
स्वस्थ वसा
अपने आहार में स्वस्थ वसा के स्रोतों जैसे एवोकाडो, नट्स, बीज और जैतून का ऑयल शामिल करें। ये वसा सूजन को कम करने और हार्मोन उत्पादन का समर्थन करने में सहायता करते हैं।
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ
फाइबर पाचन में सहायता करता है, तृप्ति को बढ़ावा देता है और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायता करता है। सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज और फलियाँ जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन पर ध्यान दें।
परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट और शर्करा सीमित करें
अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, मीठे स्नैक्स और पेय पदार्थों को सीमित या उनसे बचा जाना चाहिए क्योंकि वे रक्त शर्करा के स्तर में तेजी से वृद्धि कर सकते हैं और इंसुलिन प्रतिरोध को खराब कर सकते हैं।
आंशिक नियंत्रण
अधिक खाने से रोकने और वजन प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए भाग नियंत्रण का अभ्यास करें। परोसने के आकार का ध्यान रखें और अपने शरीर की भूख और परिपूर्णता के संकेतों को सुनें।
हाइड्रेशन
पूरे दिन खूब सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें। मीठे पेय पदार्थों का सेवन सीमित करें और इसके बजाय पानी, हर्बल चाय या इन्फ़्यूज़्ड पानी का विकल्प चुनें।
नियमित भोजन एवं नाश्ता
नियमित भोजन और नाश्ता करने से रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने और ऊर्जा दुर्घटनाओं को रोकने में सहायता मिल सकती है। तीन बार संतुलित भोजन और भोजन के बीच स्वस्थ नाश्ते का लक्ष्य रखें।
एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर के साथ परामर्श
हालांकि ये आहार संबंधी सिफारिशें पीसीओएस के प्रबंधन के लिए लाभ वाला हो सकती हैं, लेकिन चिकित्सक या दर्ज़ आहार जानकार जैसे स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना जरूरी है। वे पर्सनल स्वास्थ्य स्थिति, प्राथमिकताओं और लक्ष्यों के आधार पर वैयक्तिकृत राय प्रदान कर सकते हैं। पीसीओएस के प्रबंधन में एक बहुआयामी दृष्टिकोण शामिल है, जिसमें आहार लक्षण प्रबंधन और समग्र कल्याण में जरूरी किरदार निभाता है। पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों, भाग नियंत्रण और जीवनशैली में संशोधन पर ध्यान केंद्रित करके, पीसीओएस वाली महिलाएं अपने हार्मोनल संतुलन, चयापचय स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकती हैं।