दाल-चावल और दाल रोटी में से रोजाना क्या खाना है ज्यादा अच्छा…
Dal Chawal ya dal roti kya khana hai best: आमतौर पर भारतीय घरों में दाल-चावल और दाल रोटी दोनों ही दोपहर और शाम के भोजन में खाए जाते हैं। फिर भी बहुत सारे लोग हैं जिन्हें प्रतिदिन खाने में दाल-चावल बहुत अच्छे लगते हैं या कुछ लोग केवल दाल रोटी या सब्जी रोटी ही खाना पसंद करते हैं। हालांकि न्यूट्रीशन के हिसाब से देखें तो दोनों कॉम्बो से भिन्न-भिन्न प्रकार का और भिन्न-भिन्न मात्रा में पोषण तत्व मिलते हैं। लेकिन कभी आपने सोचा है कि दाल-चावल और दाल रोटी में से प्रतिदिन क्या खाना ज्यादा अच्छा है? बच्चों को इन दोनों में से क्या खिलाएं कि उनकी ग्रोथ अच्छी हो? इन दोनों कॉम्बो फूड में से कौन ज्यादा प्रोटीन, एनर्जी और न्यूट्रीशन का स्त्रोत है। ऐसे में दाल के साथ रोटी खानी चाहिए या चावल, आइए आज आपको बताते हैं।
दिल्ली स्थित डाइटीशियन निहारिका जैन बताती हैं कि हिंदुस्तान में भिन्न-भिन्न राज्यों का पहनावा ही नहीं बल्कि खानपान भी अलग है। यहां कई राज्यों में प्रतिदिन के खाने में चावल ज्यादा खाया जाता है वहीं उत्तर हिंदुस्तान के राज्यों रोटी ही प्रमुख फूड हैं। यहां दाल या सब्जी के साथ रोटियां जरूर खाई जाती हैं।
दाल है भोजन के लिए सबसे महत्वपूर्ण
वे कहती हैं कि हमें भोजन से ही एनर्जी और पोषण मिलता है। ऐसे में खान-पान का विशेष ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। न्यूट्रीशन के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण है वह है दाल, हरी पत्तेदार सब्जियां, सलाद और अनाज। इस अनाज में गेंहू, जौ, चना, बाजरा, ज्वार, चावल आदि कुछ भी अनाज हो सकता है। हालांकि आमतौर पर गेंहू और चावल ही प्रयोग हो रहा है।
दाल-चावल या दाल रोटी?
डायटीशियन कहती हैं कि भोजन में प्रतिदिन दाल खाना बहुत महत्वपूर्ण है और फूड हैबिट के मुताबिक पसंद का कोई भी अनाज खाया जा सकता है, फिर चाहे वह चावल हो, मिलेट (Millets) हो या गेंहू हो। जिन लोगों को प्रोटीन की ज्यादा मात्रा चाहिए उन्हें प्रतिदिन दाल रोटी खानी चाहिए। गेंहू में 11 से 12 फीसदी प्रोटीन की मात्रा होती है। वहीं दालों में भी प्रोटीन होती है। ऐसे में यह प्रोटीन का बेहतर सोर्स बनाते हैं। गेंहू की रोटी में फाइबर और कैलोरी भी बहुत ज्यादा होती है।
वहीं चावल खाने में काफी हल्का होता है, यह आधे घंटे से 1 घंटे के अंदर पच जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट के अतिरिक्त पानी की मात्रा काफी ज्यादा होती है, यही वजह है कि यह पेट के लिए अच्छा होता है। इसके साथ ही दालों के साथ मिलकर यह शरीर के लिए महत्वपूर्ण करीब 20 तरह के अमीनो एसिड्स की चेन को पूरा करता है और शरीर को न्यूट्रिएंट्स प्रदान करता है। चावल और मूंग की दाल से बनी खिचड़ी (Khichadi) इसीलिए संपूर्ण आहार भी कहलाती है।
इसलिए यदि लोग दाल (Pulses), चावल (Rice) और रोटी (Roti) तीनों चीजें प्रतिदिन भोजन में खाते हैं तो सर्वोत्तम है लेकिन यदि नहीं खा पाते हैं तो इन्हें भिन्न-भिन्न दिन बदल बदल कर खाएं। दाल के साथ चावल और रोटी दोनों ही खाना लाभ वाला हैं। हालांकि कुछ बीमारियां हैं जिनमें ग्लूटेन से कठिनाई होती है, ऐसे में उन लोगों को गेंहू न खाने की राय दी जाती है। वे जौ, चना के आटे की रोटियां खा सकते हैं।