गर्मी और लू के कारण पशुओं को रोग से ऐसे बचाएं
भरतपुर। धूप और गर्मी केवल इंसानों को ही नहीं, पशुओं को भी बेहाल किए हुए है। इनकी भी खास देखभाल की आवश्यकता होती है। पशुओं को भी लू लग सकती है। मौसम में हो रहे उतार-चढाव से पशुओं की बीमारी प्रतिरोधक क्षमता कम होने से संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। पशुधन को लू-तापघात से बचाने के लिए पशुपालन विभाग ने एडवाइजरी जारी की है।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ।खुशीराम मीणा ने कहा जिले में आनें वाले दिनों में गर्मी और लू का असर तीव्र होने और तापमान में लगातार बढ़ोतरी के कारण पशुधन की उत्पादन क्षमता प्रभावित हो सकती है। इस वजह से उन्हें डिहाइड्रेशन, तापाधात, बुखार, दस्त और गर्भापात होने के आसार बढ़ जाते हैं। उन्होंने कहा असामयिक वर्षा और ओलावृष्टि के कारण वातावरण में आ रहे उतार-चढाव के कारण पशुओं की बीमारी प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होने से विभिन्न संक्रमण बीमारी होने की भी संभावना है।
पशुओं को बीमारी से ऐसे बचाएं
संयुक्त निदेशक डॉ।मीणा ने कहा पशुओं को प्रात 9 बजे से सायं 6 बजे तक छायादार जगह पर पेड़ों के नीचे अथवा पशुबाडों में रखें। पशुबाड़ों में हवा पर्याप्त हो और उनके चलने फिरने के लिए पर्याप्त स्थान हो। अत्यधिक गर्मी की स्थिति में विशेषकर संकर जाति और उच्च दुग्ध उत्पादन क्षमता वाले पशुओं के बाड़ों के दरवाजों-खिड़कियों पर पाल या टाटी लगाकर दोपहर के समय पानी का छिड़काव करें जिससे उन्हें राहत मिलेगी।
पशुओं को ठंडा पानी दें
भैंस वंशीय पशुओं को शाम के समय नहलाना लाभदायक होता है। पशुओं को दिन में कम से कम चार बार ठण्डा, सही एवं पर्याप्त पेयजल मौजूद कराया जाना चाहिये। डॉ मीणा ने कहा सूखे चारे के साथ-साथ कुछ मात्रा हरे चारे की भी दी जानी चाहिये ताकि पशुओं में कब्ज और पाचन सम्बन्धी व्याधियां उत्पन्न नहीं हों। पशुओं को तापघात की स्थिति होने पर तुरन्त उन्हें छायादार जगह पर ले जाकर पूरे शरीर पर पानी डालें। सिर पर ठण्डे पानी से भीगा कपड़ा बारी-बारी से रखा जाए और जितनी शीघ्र संभव हो पशु डॉक्टर से उपचार कराएं।