स्वास्थ्य

कैंसर का खतरा: अदृश्य दुश्मन से हो जाइए सावधान

Invisible Enemy: आपको प्लास्टिक हर स्थान मिल जाएगा अब तो पानी और हवा की तरह प्लास्टिक के बिना भी जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती कप से लेकर हवाई जहाज तक हर चीज में प्लास्टिक है और केवल इतना ही नहीं…जिस तरह हवा दिखाई नहीं देती लेकिन होती है उसी तरह हमारे वातावरण में प्लास्टिक होता है जो दिखाई नहीं देता जिन्हें विज्ञान की भाषा में Micro-plastic कहते हैं

Micro Plastic क्या है- आकार में 5 मिली मीटर से छोटे प्लास्टिक के कणों को Micro Plastic कहते हैं उदाहरण के तौर परजब सड़क से घर्षण की वजह से टायर घिसते हैं तो इससे Micro Plastic बनते है प्लास्टिक के बड़े सामान जैसे बर्तन वगैरह जब छोटे टुकड़ों में टूटते हैं, तो उनसे भी Micro Plastic बनता है

Industries से निकलने वाला Plastic कचरा जब Degrade होता है यानी छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटता है तो उससे भी Micro Plastic बनते हैं Synthetic कपड़ों से भी Micro Plastic निकलता है

Micro Plastic का हमारे शरीर पर क्या असर होता है इसको लेकर कई रिसर्च चल रही हैं ऐसी ही एक रिसर्च अमेरिका की environmental health perspective नामक संस्था ने की रिसर्च में चूहों को चार हफ्तों तक पानी के जरिये Micro Plastic दी गई Micro Plastic को Infuse करके चूहों के अंगों पर उसके असर का शोध किया जिसके नतीजे 10 अप्रैल को जारी किये गये हैं रिपोर्ट में कहा गया है कि
– जिन चूहों को Micro Plastic दिया गया, उनके लीवर और दिमाग के Tissues में परिवर्तन दिखाई दिये
– चूहों के Behaviour और Immune System में भी परिवर्तन आया
– चूहे, इंसानों में Dementia के लक्षणों वाला बर्ताव करने लगे
– चूहों पर हुए परीक्षण में Micro Plastic के शरीर पर पड़ने वाले असर का पता लगाया लेकिन सोचिये…चूहों को तो केवल चार सप्ताह ही Micro Plastic दीलेकिन इंसानो को जीवनभर Micro Plastic निगलना पड़ रहा है मानव शरीर पर Micro Plastic का क्या असर होता हैइसको लेकर भी कई Studies हुईं हैं

Journal Environment International में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार स्टडी में 22 भिन्न-भिन्न लोगों के खून के नमूने लिए गएइनमें से 80 फीसदी व्यक्तियों के खून में Micro Plastic पाया गया है Study में एक और बात सामने आई है कि मानव शरीर में Micro Plastic घूम सकता है और शरीर के कई जरूरी हिस्सों को हानि पहुंचा सकता है

Micro Plastic शरीर के लिए कितना हानिकारक है….ये जानने और समझने के लिए हमने डॉक्टरों से बात की हैजिनके मुताबिक…
– पाचन तंत्र को नुकसान
Micro Plastic, आंतों में घुसकर पेट दर्द और सूजन का कारण बन सकती है
श्वसन तंत्र को नुकसान
Micro Plastic, फेफड़ों में प्रवेश कर सकती है जिससे खांसी, सांस लेने में तकलीफ और अस्थमा हो सकता है

प्रजनन तंत्र को नुकसान
Micro Plastic, बांझपन और गर्भपात का कारण बन सकती है

कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है
Micro Plastic, शरीर में जाकर DNA को हानि पहुंचा सकती है और कोशिकाओं को खराब कर सकती है

Micro Plastic के साथ सबसे बड़ी परेशानी की बात ये है कि इसके असर से बचना कठिन ही नहींनामुमकिन है क्योंकि Micro Plastic..वातावरण में वैसे ही घुल चुकी है जैसे हवा में ऑक्सीजन

Environmental science and technology journal की स्टडी में पता चला है किलोग हर वर्ष 39,000 से 52,000 Micro Plastic के कणों को निगल जाते हैं

American Institute Of Physics की स्टडी कहती है कि एक सप्ताह में जितनी Micro Plastic हमारे शरीर में जमा होती है, उससे एक Credit Card बन सकता है Micro Plastic के कणवातावरण की हवा में भी हैं जहां आप सांस लेते हैं Microplastic के कण पानी में भी हैंजो आप पीते हैं…

अमेरिका में Columbia University के Researchers ने पाया है कि बोतलबंद पानी में पहले के अनुमानों की तुलना में 100 गुना ज़्यादा Micro Plastic हो सकते हैं…फ़ैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे पानी और शहरी इलाक़ों से निकलने वाले Plastic Waste से नदियों और झीलों के साथ साथ समंदरों तक में Micro Plastic मिल रही है…

लेकिन प्लास्टिक बाहरी दुनिया में नहीं…हमारे शरीर के अंदर भी स्थान बना चुकी है आज हर चीज में प्लास्टिक उपस्थित है आप चाहकर भी इस प्लास्टिक को निगलने से नहीं बच सकते और प्लास्टिक के क्या हानि होते हैं इससे पूरी दुनिया वाकिफ हैलेकिन परेशानी ये है कि हम प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचने की बात तो करते हैं लेकिन प्लास्टिक से चिपके भी रहते हैं पिछले पचास सालों के दौरान पूरी दुनिया में Production तेजी से बढ़ा है

मौजूदा समय में पूरी दुनिया में हर वर्ष 350 अरब किलो प्लास्टिक का उत्पादन होता है जिसमें से केवल 10 फीसदी Plastic को ही Recycle किया जाता है बाकी का Plastic..Landfills और समंदर में प्लास्टिक कचरे के तौर पर इकट्ठा होता जाता है जिसे Degrade होने में सैकड़ों साल लगते हैं हम सभी ने समुद्र तट पर और महासागरों के बीच में बहकर आए प्लास्टिक कचरे की फोटोज़ देखी हैं

एक स्टडी में पता चला है कि दुनिया के महासागरों में 171 ट्रिलियन से अधिक प्लास्टिक कचरा उपस्थित है इसका वजन लगभग 2.3 बिलियन टन प्लास्टिक के बराबर है हर साल 8 से 10 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा समुद्रों में फेंक दिया जाता है महासागरों और समुद्रों में प्लास्टिक कचरा पानी के जीव-जंतुओं को बहुत हानि पहुंचाता है समुद्री जीवइस प्लास्टिक कचरे को अपना भोजन समझ कर खा लेते हैं कई बार प्लास्टिक के बड़े मलबों में समुद्री जीव फंसकर भी मर जाते हैं

एक रिपोर्ट के अनुसार हर वर्ष प्लास्टिक कचरे से 100 मिलियन से भी अधिक समुद्री जीव मर जाते हैं समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण सर्वाधिक 100 फीसदी कछुओं, 59 फीसदी व्हेल और 36 फीसदी सीलों को हानि पहुंचा रहा है. यानी प्लास्टिक केवल इंसानों को हानि नहीं पहुंचा रहा बल्कि पूरी प्रकृति को हानि पहुंचा रहा है लेकिन इसके उत्तरदायी हम आदमी ही हैं जिसने प्लास्टिक का ईजाद अपनी सुविधा के लिए किया था लेकिन अब वही प्लास्टिक हमारी स्वास्थ्य के लिए घातक हो चुका है

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