स्वास्थ्य

कर्नाटक हाईकोर्ट: जारी रहेगा हुक्के पर बैन, अध्ययनकर्ता बोले…

धूम्रपान संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक माना जाता है. अध्ययनों के मुताबिक धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारक तो है ही इससे धमनियों, दिल और मेटोबॉलिज्म पर भी नकारात्मक असर होता है. हुक्के के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए कर्नाटक में इसे प्रतिबंधित किया गया था. इस बैन के विरुद्ध जारी याचिकाओं को अब कर्नाटक उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है. हाई कोर्ट ने कहा, हुक्के पर लगा प्रतिबंध जारी रहेगा इससे होने वाले दुष्प्रभाव उतने ही घातक हैं जितने सिगरेट के.

राज्य के भीतर सभी प्रकार के हुक्का उत्पादों की बिक्री, उपभोग, भंडारण, विज्ञापन और प्रचार पर प्रतिबंध लगाने वाली सरकारी अधिसूचना को चुनौती दी गई थी. सोमवार को निर्णय सुनाते हुए उच्च न्यायालय ने कहा, सिगरेट और अन्य उत्पादों पर चेतावनी लिखी होती है पर हुक्के पर कोई चेतावनी नहीं होती जबकि इसके दुष्प्रभाव सिगरेट और अन्य धूम्रपान उत्पादों से कहीं अधिक होते हैं.

हुक्का स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक

याचिका की सुनवाई में न्यायालय ने कहा, अक्सर माना जाता रहा है कि हुक्का अधिक हानि नहीं करते हैं, जिसके कारण धड़ल्ले से हुक्का बार चलते हैं और बड़ी संख्या में युवा जनसंख्या इन उत्पादों का इस्तेमाल भी करते हैं. हालांकि अध्ययनों से पता चलता है कि हुक्का पीने से हेपेटाइटिस-अल्सर जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है. हुक्के के पाइप को एक समूह में शेयर किया जाता है जिससे भी कई प्रकार की रोंगों के विकसित होने का खतरा हो सकता है.

शोधकर्ताओं का मानना है कि सिगरेट और अन्य धूम्रपान उत्पादों जितना ही हुक्का भी घातक है इसके सेवन को लेकर भी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की जरूरत है.

हुक्के के धुंए में भी नुकसानदायक रसायन

अध्ययनों में चेतावनी दी जाती रही है कि सभी प्रकार के धूम्रपान उत्पाद संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होते हैं. हुक्का में विशेष रूप से निर्मित तंबाकू मिश्रण को धूम्रपान के लिए प्रयोग में लाया जाता है. अध्ययनों से पता चलता है कि इसके धुएं में सिगरेट के धुएं के समान ही जहरीले घटक जैसे कि निकोटीन, टार और भारी धातुएं होती है जिससे लंग्स कैंसर से लेकर धमनियों को क्षति पहुंचने, मेटाबॉलिज्म की परेशानी होने और अल्सर का भी खतरा हो सकता है.

हुक्का और ई सिगरेट के कारण होने वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए कई हिस्सों में इनपर बैन भी लगया गया है.

क्या कहता है अमेरिकन लंग्स एसोसिएशन?

अमेरिकन लंग्स एसोसिएशन की रिपोर्ट कहती है, सभी प्रकार के धूम्रपान उत्पाद नुकसानदायक हैं.

हुक्का के धुएं में कम से कम 82 जहरीले रसायनों और कार्सिनोजन की पहचान की गई है. हुक्के का धुआं भले ही पानी से होकर गुजरता है, लेकिन यह तम्बाकू से निकलने वाले खतरनाक, नशीले रसायनों को समाप्त नहीं करता है. हुक्का को गर्म करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चारकोल को जलाने के कारण भी कार्बन मोनोऑक्साइड, मेटल और अन्य नुकसानदायक रसायनों का उत्सर्जन होता है जिसके कारण भी स्वास्थ्य को जोखिम हो सकता है.

कई तरह के कैंसर का जोखिम

स्वास्थ्य जानकारों ने कहा कि हुक्के के धुएं में भी निकोटीन होता है जिससे किशोरों के मस्तिष्क के विकास पर स्थायी नुकसानदायक असर का खतरा हो सकता है. हुक्का पीने के कारण फेफड़े, मूत्राशय और मुंह के कैंसर के अतिरिक्त दिल संबंधी रोगों का भी खतरा रहता है. इतना ही नहीं यदि आप कभी-कभी भी ही हुक्का पीते हैं तो इसके कारण भी हार्ट रेट-ब्लड प्रेशर बढ़ने, पल्मोनरी फंक्शन की समस्याओं का खतरा हो सकता है.

Facts About Hookah

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