इस वजह से नवजात या छोटे बच्चों को आती है ज्यादा हिचकी
Hiccups Causes in newborn: नवजात शिशु और छोटे बच्चों को हर रोज हिचकियां आना सामान्य सी बात है। कई नवजात को कुछ मिनट तो कुछ को देर तक हिचकियां आती हैं। माना तो ये भी जाता है कि, प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही से शिशु मां के पेट में ही हिचकियां लेना प्रारम्भ कर देते हैं। कहते हैं कि शिशु के हिचकी लेने से उनका पेट और भूख बढ़ती है। हालांकि, ये कोई साफ कारण नहीं है। फिर भी कुछ स्थितियां है, जिन्हें बच्चों में हिचकी आने के कारण के रूप में देखा जाता है। नवजात या बच्चों की रुटीन या खाने की आदत की वजह से भी हिचकी आ सकती हैं।‘
बता दें कि, हिचकी सभी को आती है फिर चाहे वह बच्चा हो या बड़ा। व्यस्कों में सामान्यतौर पर हिचकी कुछ समय में अपने आप बंद हो जाती हैं। लेकिन, जब नवजात या छोटे बच्चों को हिचकी आती है तो पैरेंट्स परेशान हो जाते हैं। एक्सपर्ट की मानें तो यदि बच्चा खुश है और उसे इससे कोई कठिनाई नहीं हो रही है तो चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन, यदि हिचकियां कम होती नजर नहीं आ रही हैं तो चिकित्सक की राय महत्वपूर्ण है। अब प्रश्न है कि आखिर नवजात या बच्चों में हिचकी आती क्यों है? हिचकी रोकने के लिए करें? ऐसे कई प्रश्न हैं, जिन्हें पैरेंट्स जानना चाहते हैं। इन प्रश्नों के बारे में News18 को बता रही हैं राजकीय मेडिकल कॉलेज की बाल बीमारी विभाग की विभागाध्यक्ष डाक्टर भावना तिवारी-
डॉ। भावना तिवारी बताती हैं कि, बच्चों को हिचकी आना नॉर्मल है। जैसे-जैसे बच्चों की ग्रोथ होती है, हिचकी की परेशानी कम होने लगती है। दरअसल, हिचकी उस तंत्रिका से प्रारम्भ होती है, जो ब्रेन को डायाफ्राम से जोड़ती है और इसे कई भिन्न-भिन्न चीजों से बंद किया जा सकता है।
नवजात को हिचकी आने के कारण
डॉक्टर के मुताबिक, बच्चों में हिचकी के कई कारण हो सकते हैं। जैसे- यदि बच्चे को एक साथ अधिक फीडिंग कराई जाती है, जो उससे उनका पेट फूलने लगता है और डायाफ्राम अचानक फैलने या सुकड़ने लगता है। इससे उन्हें हिचकी आने लगती है।
कई बच्चे जल्दबाजी में फीड करते है। जल्दी-जल्दी फीड करने की वजह से दूध बच्चे की फूड पाइप में फंस जाता है। जिसकी वजह से ब्रीदिंग प्रॉब्लम प्रारम्भ होती है और भी हिचकी की परेशानी आ जाती है।
बच्चे को फॉर्मूला मिल्क या ब्रेस्ट मिल्क में उपस्थित किसी प्रोटीन की वजह से भोजन नली में सूजन आ सकती है। इसमें डायफ्राम में दिक्कत होती है, जिससे हिचकियां आ सकती हैं।
कैसे रोकें बच्चों की हिचकी
हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, आमतौर पर बड़ों की तरह बच्चों में भी हिचकी अपने आप ही कुछ समय में बंद हो जाती है, इसलिए हिचकी आने पर कुछ मिनट प्रतीक्षा करें। छोटे बच्चों को एक बार में अधिक फीड न करा कर थोड़ी-थोडी देर में कम मात्रा में फीड कराएं।
अगर बच्चे की हिचकी न रुके, तो उनके मुंह में चीनी के कुछ दानें डाल दें। इससे हिचकी जल्द रुक जाती है। हालांकि, चीनी नवजात को न दें।
हिचकी आने की स्थिति में बच्चे को थोड़ी देर के लिए सहारा देकर बैठाएं। क्योंकि, दूध पीने के दौरान बच्चे कुछ मात्रा में हवा भी निगल जाते हैं। सीधा बैठाने से बच्चा डकार या गैस के जरिए निगली हवा निकाल देगा, जिससे उसे हिचकी से राहत मिलेगी।