आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए अपनाएं ये घरेलू उपचार
Eyes Health: आधुनिक युग में स्क्रीन और गैजेट्स हमारी लाइफ का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं. हालांकि, ये सारी चीजें हमारे डेली वर्क को सरल बनाते हैं, लेकिन ओवरऑल हेल्थ को भी खराब करते हैं, साथ ही हमारी आंखों पर अधिक स्क्रीन टाइम का सबसे अधिक असर पड़ता है.
डिजिटल के साथ-साथ, एनवायरमेंट पॉल्यूशन, एलर्जी, सूरज की तेज किरणें, उम्र से जुड़ी मैक्यूलर डिजनरेशन (रेटिना में कमी आना), डायबिटीज संबंधी रेटिनोपैथी और ग्लूकोमा ऐसे कारण हैं, जो हमारी आंखों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं. प्रारम्भ में विजन की नुकसान को रोकने के लिए, डिजिटल तनाव से छुटकारा पाने और सूखी, लाल और पानी वाली आंखों जैसी स्थितियों से बचने के लिए, डेली रूटीन का पालन करना महत्वपूर्ण है, जो आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ा सकता है.
आयुर्वेद के अनुसार, खराब जीवनशैली से वेस्ट चीजें जमा हो सकती हैं, जो हमारी आंखों के स्वास्थ्य पर असर डालती हैं. इनएक्टिव लाइफस्टाइल, खराब आहार और व्यायाम की कमी के कारण विषैले पदार्थ जमा हो सकते हैं, जिससे आंखों में सूखापन, आंखों में जलन आदि जैसी डिसऑर्डर हो सकते हैं. प्राचीन औषधीय में कई नेचुरल इलाज हैं, जो नजर में सुधार कर सकते हैं.
ये हैं कुछ नेचुरल उपचार
त्रिफला
तीन फलों के मिश्रण को त्रिफला बोला जाता है, यह एक प्राचीन तरीका है जो देखने में सुधार करने की क्षमता के लिए जाना जाता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो आई टिश्यू को बढ़ावा देते हैं और आंखों को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं. यह जड़ी-बूटी आंखों की भिन्न-भिन्न समस्याओं के लिए एक अच्छा ऑप्शन है और त्रिफला को ओरल ढंग से लिया जा सकता है या इसे आंख धोने के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
बैलेंस डाइट
प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार जिसमें विटामिन ए, ई, सी और बी शामिल हैं, अच्छा विजन बनाए रखने में सहायता करते हैं. आंखों के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हमारे आहार में घी, शहद, जौ, गेहूं, शास्तिक शालि (पुराना चावल) शामिल करना महत्वपूर्ण है.
अंजना और नस्य क्रिया
आंखें अक्सर रोग के प्रति अधिक सेंसिटिव होती हैं. आंखों की सेफ्टी और कफ को दूर करने के लिए नियमित रूप से अंजना लगाना और नस्य (नाक के जरिए दवाओं का अंदर ले जाना) का इस्तेमाल करना है.
पैरों की मालिश
देखने को सुरक्षित रखने के लिए पैरों की सुरक्षा का इस्तेमाल करने और पादाभ्यंग (तेल से पैरों की मालिश) करने का सुझाव दिया जाता है.
त्राटक
जलते हुए घी के दीपक को देखना ‘त्राटक’ के नाम से जाना जाता है, जो एक आयुर्वेदिक आई एक्सरसाइज है. अपने दिन के दस मिनट एक अंधेरे कमरे में बैठें और घी का दीपक रखें ताकि लौ 30 डिग्री के कोण पर दिखाई दे और लगातार इसे देखते रहें. ऐसा करने से आप विजन और आंखों की शक्ति में सुधार कर सकते हैं.
क्रियाकलाप
औषधीय घी और अन्य फॉर्मूलेशन को शामिल करने वाली आयुर्वेदिक आई केयर को क्रियाकल्प के रूप में जाना जाता है. तर्पण, पुटपाक(Putapaka Vidhi ), अंजना, अश्च्योतन (Ashchyotana), पिंडी जैसे भिन्न-भिन्न क्रियाकल्प इलाज आंखों के स्वास्थ्य के इलाज के लिए असरदार हैं.