इस बीमारी के कारण हो सकती है बांझपन की समस्या
बांझपन की समस्या: बच्चा पैदा करने में असमर्थ होना, बांझपन की स्थिति कभी-कभी दंपत्ति को निराश कर देती है. हाल ही में एक ऐसी रोग के बारे में पता चला है जिसके कारण स्त्रियों में बच्चा न होने की परेशानी बढ़ती जा रही है.
मां बनना हर स्त्री का सपना होता है. लेकिन यदि अब तक आपके घर में किलकारी नहीं गूंजी है तो इसके कई कारण हो सकते हैं। संतान न होना जैसी बांझपन की परेशानी भी किसी के लिए परेशानी हो सकती है. जिसके कारण कई महिलाएं डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं. मानसिक परेशानियों के साथ-साथ शारीरिक परेशानियां भी इन्हें घेर सकती हैं. हाल ही में कुछ मुद्दे ऐसे भी सामने आए हैं, जिनमें कुछ महिलाएं किसी खास रोग के कारण मां नहीं बन पाती हैं. यानी इस रोग के कारण बांझपन की परेशानी हो सकती है. आइए जानते हैं इस रोग के बारे में…
इस बीमारी के कारण बांझपन होता है
ताजा मुद्दे के बाद यह जानकारी सामने आई है कि टीबी की परेशानी स्त्रियों के मां बनने की राह में भी रुकावट पैदा कर सकती है. इसलिए यदि कोई स्त्री लंबे समय से प्राकृतिक रूप से मां बनने की प्रयास कर रही है और उसे कामयाबी नहीं मिल रही है तो एक बार फिर से टीबी की जांच करानी चाहिए. हाल ही में एक बड़े हॉस्पिटल की रिपोर्ट से पता चला है कि वहां बांझपन का उपचार कराने आने वाली करीब 23 प्रतिशत महिलाएं टीबी की रोग से पीड़ित थीं। टीबी की रोग के उपचार के बाद वह मां बन सकीं.
जननांग टीबी के मरीजों में अधिक जटिलताएँ
एक अध्ययन रिपोर्ट में पाया गया कि टीबी से पीड़ित स्त्रियों की लेप्रोस्कोपिक जांच से लगभग 55 फीसदी स्त्रियों में जननांग तपेदिक का पता चला. इसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि जननांग टीबी से पीड़ित लगभग 87 फीसदी स्त्रियों की उम्र सिर्फ़ 25 से 35 साल के बीच थी.
टीबी का संक्रमण गर्भाशय तक पहुंच जाता है
महिला स्वास्थ्य जानकारों के अनुसार, टीबी का संक्रमण स्त्रियों की फैलोपियन ट्यूब के जरिए गर्भाशय तक पहुंच जाता है. टीबी का संक्रमण स्त्रियों के बाहरी जननांग से होते हुए अंडाशय और गर्भाशय ग्रीवा तक भी पहुंच जाता है.
इलाज संभव है
टीबी के नियमित उपचार से यह परेशानी सरलता से ठीक हो सकती है. अगर समय पर उपचार न किया जाए तो यह परेशानी घातक हो सकती है. अंडाशय से अंडा फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से ही गर्भाशय तक पहुंचता है, लेकिन टीबी बैक्टीरिया फैलोपियन ट्यूब को अवरुद्ध कर देता है, जिससे निषेचन में बाधा उत्पन्न होती है.