इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ ही और भी कई रोगों के इलाज में फायदेमंद है गिलोय का सेवन

गिलोय एक बेल है। जिसके पत्ते पान की तरह बड़े आकार के, चिकने और हरे रंग के होते हैं। वैसे तो ये आमतौर पर खाली मैदान, सड़क के किनारे, जंगल, पार्क, बाग-बगीचों, पेड़ों-झाड़ियों और दीवारों पर उगती है लेकिन इसे घर पर भी आसानी से उगाया जा सकता है। गिलोय में गिलोस्टेराॅल, ग्लूकोसाइड, बर्बेरिन, गिलोइन और गिलोइनिन नामक एल्केलाइड पाए जाते हैं। रोजाना इसके सेवन से बुखार, फ्लू, डेंगू, मलेरिया, पेट में कीड़े होने की समस्या, लो ब्लड प्रेशर, हार्ट प्रॉब्लम्स, एलर्जी, डायबिटीज और स्किन की बीमारियों में भी राहत मिलती है।
इम्यूनिटी बूस्टर का करता है काम
गिलोय के सेवन से इम्यूनिटी सही रहती है और बॉडी के लिए जरूरी व्हाइट ब्लड सेल्स की भी काम करने की क्षमता बढ़ती है। यह बॉडी को बैक्टिरिया से होने वाले रोगों से सुरक्षित रखता है।
बुखार में आराम
हर तरह के बुखार में गिलोय का इस्तेमाल आराम दिलाता है। यह शरीर में ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाता है। इसके रोजाना इस्तेमाल से मलेरिया से बचा जा सकता है।
पाचन रखे दुरूस्त
पाचनतंत्र को दुरूस्त रखने में भी गिलोय काफी मददगार होता है। अपच की समस्या दूर करने के साथ ही बवासीर से भी दिलाता है छुटकारा।
दमा और खांसी का इलाज
गिलोय के इस्तेमाल से सांस से जुड़ी बीमारियों जैसे दमा और खांसी में काफी राहत मिलती है। इसे नीम और आंवला के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी रोग जैसे एग्जिमा और सोराइसिस दूर किए जा सकते हैं। इसे खून की कमी, पीलिया और कुष्ठ रोगों के इलाज में भी कारगर माना जाता है।
डायबिटीज में कारगर
टाइप-2 डायबिटीज में गिलोय का सेवन काफी फायदेमंद होता है। गिलोय में काफी मात्रा में हाइपोग्लाईकैमिक एजेंट पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं कंट्रोल।
एंग्जाइटी और स्ट्रेस को करता है कम
गिलोय और अन्य जड़ी-बूटियों से तैयार किया हुआ टॉनिक एंग्जाइटी और स्ट्रेस के लेवल को कम कर सकता है। ये टॉनिक शरीर में मौजूद टॉक्सिन को शरीर से बाहर निकाल देता है।