नाना पाटेकर के इस किरदार ने चमका दी उनकी किस्मत
ऐसे कई अदाकार हैं जिन्होंने फिल्मों में नाम कमाने के लिए काफी संघर्ष किया है। कुछ एक्टर्स के पास फिल्मी बैकग्राउंड नहीं है लेकिन आज वो अपनी दमदार अभिनय के लिए प्रसिद्ध हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही प्रसिद्ध सितारे के बारे में बताएंगे जिनका बचपन गरीबी में बीता लेकिन आज उनकी अभिनय के चर्चे हर स्थान हैं। उनका नाम ‘नाना पाटेकर’ है।
नाना पाटेकर पिछले 4 दशकों से फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। वह हर वर्ष 1 जनवरी को अपना जन्मदिन मनाते हैं। इस मौके पर आइए एक नजर डालते हैं उनके संघर्ष भरे जीवन और फिल्मी करियर पर। नाना पाटेकर का बचपन बहुत गरीबी में बीता। इस वजह से, उन्होंने अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए बहुत कम उम्र में काम करना प्रारम्भ कर दिया।
13 वर्ष की उम्र में नाना पाटेकर विद्यालय के बाद प्रत्येक दिन काम करने के लिए 8 किलोमीटर पैदल चलते थे। वह फिल्मों के पोस्टर पेंट करते थे। फिर हम 8 किलोमीटर पैदल चलकर घर वापस आते थे। वह अपने काम से मिले पैसों से अपना घर खर्च चलाते थे। नाना पाटेकर हिंदी के अतिरिक्त कई मराठी फिल्मों में भी नजर आ चुके हैं। उन्होंने अपने करियर की आरंभ 1978 में रिलीज हुई फिल्म ‘गमन’ से की थी। हालांकि, इसमें उनके काम को नोटिस नहीं किया गया। नाना पाटेकर ने कॉमिक, रोमांटिक, नेगेटिव हर तरह के भूमिका से फैन्स को चौंकाया है।
फिल्म ‘परिंदा’ वर्ष 1989 में रिलीज हुई थी, जिसमें नाना पाटेकर ने विलेन का भूमिका निभाकर खूब सुर्खियां बटोरीं। इस फिल्म से उन्हें काफी लोकप्रियता मिली और फिर वह मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री में लोकप्रिय हो गये। परिंदा’ के लिए नाना पाटेकर को बेस्ट सपोर्टिंग का नेशनल अवॉर्ड भी मिला। वर्कफ्रंट की बात करें तो नाना पाटेकर अंतिम बार फिल्म ‘द वैक्सीन वॉर’ में नजर आए थे। वर्ष 2023 में रिलीज हुई इस फिल्म का निर्देशन विवेक अग्निहोत्री ने किया था। हालांकि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाई।