नेपाली एक्टर चिदंबर प्रसाद लोहानी से शादी के बाद हुआ माला सिन्हा से सबसे बड़ा विवाद
मुंबई: बड़ी-बड़ी कजरारी आंखें और अच्छी खासी लंबाई और घने काले लंबे बाल-खूबसूरती के इस पूरे भंडार को केवल नाक का चपटापन पूरे सीन से गायब कर देता, यदि शम्मी कपूर की पत्नी गीता बाली ने इस खूबसूरती को ना भांप लिया होता। गीता बाली से मिलने से पहले माला सिन्हा को कई फिल्ममेकर्स रिजेक्ट कर चुके थे। एक ने उन्हें तो उन्हें शीशे में अपनी शक्ल तक देखने की राय दे डाली। लेकिन गीता बाली ने उन्हें शोहरत की शिखर पहुंचा दिया। आज माला सिन्हा का जन्मदिन है। आइये जानते हैं उनके बारे में कुछ ख़ास बातें…
चार दशकों तक किया इंडस्ट्री पर राज
माला सिन्हा का जन्म 11 नवंबर, 1936 को कोलकाता में हुआ था। उनके पिता बंगाली और मां नेपाली थीं। माला सिन्हा देखने में बहुत सुंदर थी, जिसकी वजह से उन्हें किसी ने फिल्मों में काम करने की राय दी और वो अपनी किस्मत आजमाने मुंबई चली आई। गीता बाली की सिफारिश पर निर्देशक केदार शर्मा ने उन्हें शम्मी कपूर के साथ फिल्म ‘रंगीन रातें’ में लांच किया। 1957 में आई फिल्म ‘प्यासा’ ने माला सिन्हा के लिए फिल्मों के रास्ते खोल दिए। ‘प्यासा’ के बाद उन्होंने ‘धूल का फूल’, ‘हरियाली और रास्ता’, ‘हिमालय की गोद में’, ‘आंखें’, जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया बता दें। माला सिन्हा 50, 60 और 70 के दशक की बहुत बढ़िया अभिनेत्रियों में से एक थीं, जिन्होंने करीब चार दशकों तक फिल्मों में काम किया।
एक्ट्रेस ने स्वयं को कहा प्रॉस्टिट्यूट
16 मार्च, 1968 को माला सिन्हा ने नेपाली अभिनेता चिदंबर प्रसाद लोहानी से विवाह कर ली माला सिन्हा से सबसे बड़ा टकराव तब जुड़ा जब टैक्स से बचने के लिए न्यायालय में एक सनसनीखेज बयान देते हुए खोद को वेश्या घोषित कर दिया। एक छापेमारी के दौरान आयकर ऑफिसरों ने माला सिन्हा के घर से करीब 12 लाख रुपये कैश बरामद किए थे। न्यायालय ने जब माला सिन्हा के पिता से इन पैसों के बारे में पूछा तो उनका बोलना था कि ये पैसे उन्होंने फिल्मों के अतिरिक्त पर्सनल ढंग यानी वैश्यावृत्ति से कमाए हैं। उन्होंने न्यायालय के सामने यह कबूल किया कि ये पैसा उन्हेंने फिल्मों के अतिरिक्त प्रोस्टिट्युशन से कमाए हैं। इस टकराव ने उनके करियर को ख़त्म कर दिया।
शर्मिला टैगोर को मारा थप्पड़
ऐसे ही मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास में अदाकारा शर्मिला टैगोर और माला सिन्हा की दोस्ती 1968 में आई फिल्म ‘हमसाया’ के दौरान टूट गई। दोनों अभिनेत्रियों के बीच बेहतरीन डायलॉग और गानों को लेकर प्रतिस्पर्धा थी। दोनों की दुश्मनी तब चरम पर पहुंच गई जब एक सीन के दौरान माला सिन्हा ने शर्मिला टैगोर को थप्पड़ मार दिया। हालांकि बाद में दोनों ने इस घटना से इनकार कर दिया।