Panchayat एक्ट्रेस बोलीं सेट पर होता है जानवरों जैसा व्यवहार, कहा…
फिल्म इंडस्ट्री में आर्टिस्ट के साथ गलत व्यवहार की खबरें अक्सर आती रहती हैं. सेट पर बड़े अभिनेताओं के साथ अच्छा व्यवहार होता है. वहीं, कैरेक्टर आर्टिस्ट या जिनका छोटा रोल होता है उनके साथ सेट पर सम्मानजनक व्यवहार नहीं होता है. अब पंचायत अदाकारा सुनीता राजवार ने कहा है कि टीवी इंडस्ट्री में भी छोटे कलाकारों के साथ ऐसा ही व्यवहार होता है.
छोटे कलाकारों के साथ होता है जानवरों जैसा व्यवहार
पंचायत 3 अदाकारा सुनीता राजवार ने बोला कि टीवी सेट्स पर कैरेक्टर आर्टिस्ट या जिन कलाकारों का छोटा रोल होता है, उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार होता है. उन्होंने बोला कि इतना बुरा व्यवहार होता है कि एक समय पर उन्होंने अभिनय से ब्रेक ले लिया था.
इंडस्ट्री में किया जाता है टाइपकास्ट
कान से ब्रूट इण्डिया के साथ खास वार्ता में सुनीता राजवार ने कहा कि इंडस्ट्री आमतौर पर एक्टर्स को टाइपकास्ट करती है क्योंकि इस तरह मेकर्स के लिए उन्हें स्लॉट करना सरल होता है. कई बार एक्टर्स इन सब चीजों के लिए मान जाते हैं क्योंकि उन्हें अपनी जीविका चलानी होती है और वो अपने रोल को रिजेक्ट करने का रिस्क नहीं ले सकते हैं. उन्होंने बोला कि यह भयावह है लेकिन यह एक सच्चाई है.
बड़े एक्टर्स और सपोर्टिंग एक्टर्स के बीच होता है भेदभाव
सुनीता राजवार ने बड़े एक्टर्स और सपोर्टिंग एक्टर्स के बीच होने वाले भेदभाव के बारे में बात करते हुए बोला कि बड़े एक्टर्स को सेट पर सभी तरह की सुविधाएं मिलती हैं. वहीं, सपोर्टिंग एक्टर्स को कुछ भी सुविधाएं नहीं मिलती हैं. उन्होंने कहा कि बड़े एक्टर्स को कॉल टाइम उनकी सुविधा के मुताबिक मिलता है. उन्होंने बोला कि मैं समझती हूं कि बड़े एक्टर्स को महीने के 30 दिन शूट करना होता है. कभी कभी उन्हें सप्ताह के सात दिन और 24 घंटों शूट करना पड़ता है, लेकिन सेट पर होने वाला भेदभाव अपमानजनक होता है.
छोटे आर्टिस्ट को मिलते हैं गंदे कमरे
उन्होंने बोला कि यदि आपको पता है कि आप किस आर्टिस्ट के साथ शूट कर रहे हैं तो उन्हें बाद में बुला लीजिए. उन्हें बुलाकर बिठाने का क्या लाभ होता है. इस दौरान उन्होंने टीवी सेट पर कंडीशन पर भी बात की. उन्होंने बोला कि लीड एक्टर्स को पैंपर करके रखा जाता है. उनके कमरे साफ-सुधरे होते हैं. उनके कमरे में फ्रिज, माइक्रोवेव तक होते हैं. वहीं, मेरे जैसे सपोर्टिंग एक्टर्स और छोटे कलाकारों को छोटे गंदे कमरे दिए जाते हैं जहां तीन से चार लोग बैठे होते हैं. कमरे की छत गिर रही होती है. बाथरूम भी साफ नहीं होते, बेडशीट गंदी होती है. यह सब देखकर मुझे हमेशा बुरा लगता था.
कई बार ऐसी परिस्थितियों का सामना करने के बाद उन्होंने अभिनय छोड़ने का निर्णय लिया था. यहां तक की उन्होंने अपना CINTAA कार्ड भी कैंसिल करवा दिया था.