70 की उम्र में पूर्व IAS और ‘टाइगर’ फेम अभिनेता शिवराम का निधन, खड़गे ने दी श्रद्धांजलि
नई दिल्लीः कन्नड़ अदाकार और राजनेता के शिवराम (K Shivaram) का 70 वर्ष की उम्र में 29 फरवरी को बेंगलुरु में मृत्यु हो गया। उन्हें 1993 में आई ‘बा नल्ले मधुचंद्रके’ (Baa Nalle Madhuchandrake) (1993) और 2017 की ‘टाइगर’ (Tiger) में सराहनीय एक्टिंग के लिए जाना जाता था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभिनेता का पिछले कुछ दिनों से बेंगलुरु के एचसीजी हॉस्पिटल में उपचार चल रहा था लेकिन वे अनेक कोशिशों के बावजूद चिकित्सक उन्हें नहीं बचा सके। शिवराम आईसीयू में वेंटिलेटर पर थे और बीते बुधवार को उही नकी हालत बहुत गंभीर बताई गई थी। उनके मृत्यु से उनके दोस्तों, सहकर्मियों और प्रशंसकों को झटका लगा है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (INC) पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शिवराम को श्रद्धांजलि दी है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने जताया दुख
अभिनेता की एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए खड़गे ने एक्स पर लिखा, ‘IAS अधिकारी से अदाकार बने के शिवराम के मृत्यु के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ, जो कन्नड़ में यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले पहले आदमी बनने का गौरव रखते थे। वे एक वर्सेटाइल अभिनेता थे, जो फिल्मों के बाद राजनीति में भी शामिल हुए और कर्नाटक के लोगों के लिए अपनी सेवा में सहयोग दिया। एक प्रतिष्ठित आईएएस अधिकारी, वो डाक्टर अंबेडकर के कट्टर अनुयायी थे और संविधान और कानून को बनाए रखने में विश्वास करते थे। उनके परिवार, दोस्तों और फॉलोवर्स के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।’
शिवाराम के जाने से दुखी हुए भाजपा नेता रघु कौटिल्य
बीजेपी नेता आर रघु कौटिल्य ने भी अदाकार के लिए अपने एक्स पर संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने लिखा, ‘यह जानकर बहुत दुख हुआ कि ओबीसी समुदाय के प्रतीक, लोगों के हितैषी पूर्व आईएएस अधिकारी, भाजपा नेता, श्री के। शिवराम जी अब नहीं रहे। यह कर्नाटक राज्य के लिए एक बड़ी क्षति है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वो उनके परिवार के सदस्यों और दोस्तों को इस भारी हानि को सहन करने की शक्ति दें। ओम शांति।’
कन्नड़ अदाकार और कार्यकर्ता चेतन कुमार ने भी शिवराम को याद किया। उन्होंने लिखा, ‘मैंने 2017 में कांतीरावा स्टूडियो में श्री के शिवराम से बात की थी। उन्होंने तब बयान दिया था कि मोदी किस तरह से दलितों को फायदा पहुंचा रहे हैं, और मैंने उनसे उनके दावों के आधार के बारे में प्रश्न किया था। मेरे विरोध के बावजूद, उन्होंने शांति से सुना, मुस्कुराए, मेरी पीठ थपथपाई। मुझे शुभकामनाएं दीं। मुझे उनकी कमी खलेगी।’