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फिल्म ‘सिंघम 3’ को लेकर फैंस के एक्साइटेड को देखते हुए साल 2024 के इस महीने में होगी रिलीज

Bombay High Court Judge on Ajay Devgn Film Singham: बॉलीवुड सुपरस्टार अजय देवगन (Ajay Devgn) ने कई हिट, सुपरहिट और ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं, जिनकों दर्शकों का खूब प्यार मिला उन्हीं में से एक रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) के निर्देशन में बनी एक्शन-थ्रिलर फिल्म ‘सिंघम’ (Singham) है फिल्म वर्ष 2011 में रिलीज हुई थी 41 करोड़ में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 150 करोड़ रुपए की कमाई की थी इसके बाद फिल्म का सीक्वल ‘सिंघम 2’ (Singham 2) वर्ष 2014 में रिलीज हुई इस एक्शन-थ्रिलर फिल्म को भी दर्शकों द्वारा खूब प्यार मिला वहीं अब इस फिल्म के तीसरे सीक्वल ‘सिंघम 3’ (Singham 3) को लेकर फैंस काफी एक्साइटेड हैं

वहीं फिल्म के तीसरे भाग को लेकर अपडेट है कि वो अगले वर्ष 2024 में 15 अगस्त के इर्द-गिर्द रिलीज हो सकती है इसी बीच अजय देवगन की ‘सिंघम’ (Singham) को लेकर बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायधीश ने बड़ा बयान दिया है, जो तेजी से वायरल हो रहा है दरअसल, बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायधीश गौतम पटेल (Gautam Patel) ने शुक्रवार को पुलिस एक्शन को लेकर एक कठोर बयान दिया है

‘Singham वाली ‘हीरो कॉप’ छवि ठीक नहीं

भारतीय पुलिस फाउंडेशन द्वारा सालाना दिवस और पुलिस सुधार दिवस के आयोजित कार्यक्रम के दौरान बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायधीश गौतम पटेल ने अपनी बात रखते हुए बोला कि ‘किसी भी कानूनी प्रक्रिया की परवाह किए बिना अजय देवगन की ‘सिंघम’ की तरह तुरन्त असर से इन्साफ देवे वाले ‘हीरो कॉप’ की फिल्मों वाली छवि बहुत नुकसानदायक संदेश देती है’ उन्होंने ये बात कानून की प्रक्रिया के लिए लोगों की अधीरता पर प्रश्न उठाते हुए कही

Bombay High Court judge supports #MeToo; criticises 'nauseating patriarchy' in legal profession | Mumbai News - The Indian Express

‘पहले स्वयं में सुधार की जरूरत…’

साथ ही पुलिस सुधारों के बारे में बात करते हुए न्यायाधीश गौतम पटेल ने बोला कि ‘प्रकाश सिंह मुद्दे में उच्चतम न्यायालय का निर्णय एक अवसर चूक गया था’ उन्होंने ये भी बोला कि ‘कानून प्रवर्तन मशीनरी में तब तक सुधार नहीं किया जा सकता जब तक कि हम स्वयं में सुधार नहीं करते’ उन्होंने अपनी बात रखते हुए बोला कि ‘पुलिस की छवि दबंगों, करप्ट और गैरजिम्मेदार के तौर पर लोकलुभावन है और जजों, राजनेताओं और पत्रकारों समेत पब्लिक लाइफ में किसी के बारे में भी यही बोला जा सकता है’

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