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Anupamaa: आदिक के सामने वनराज ने रखी ये शर्त, किंजल के घर रुकी अनुपमा

एपिसोड की आरंभ होती है श्रुति से जो कहती है कि तुम दोनों का प्यार हारा नहीं और साथ रहकर भी मेरा प्यार जीता नहीं अनुज कहता है इसकी वजह भी तो मैं हूं न श्रुति मैं जानता हूं कि दिल टूटने पर क्या महसूस होता है, लेकिन प्लीज मुझसे और अनुपमा से नाराज मत होना मैं तुमसे हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं बोलना सरल है, लेकिन मैं जानता हूं तुम्हारे लिए यह बहुत कठिन है श्रुति कहती है कि एके अनुपमा है ही इतनी प्यारी कि किसी को भी उससे प्यार हो जाए, लेकिन क्या मैं इतनी बुरी हूं कि तुम्हें मुझसे प्यार नहीं हुआ

अनुज कहा नहीं भूलूंगा अनुपमा को

अनुज कहता है ऐसा नहीं है, तुम परफेक्ट हो इस पर श्रुति कहती है कि तो तुम्हें मुझसे प्यार क्यों नहीं हुआ अनुज कहता है कि मेरे दिल पर अनु का नाम लिखा है और वो नाम मैं कभी मिटा नहीं सकता मिटाना छोड़ो वो नाम मेरे दिल पर गहरा होता जा रहा है श्रुति फिर अनुज से समय मांगती है और अकेले रहने के लिए कहती है अनुज कहता है कि श्रुति मुझसे वादा करो कि तुम कुछ गलत नहीं करोगी और अपना ध्यान रखोगी

यशदीप आया सहायता करने

अनुज वहां से जा रहा होता है कि श्रुति कहती है कि एके आई लव यू और मैं आध्या से भी बहुत प्यार करती हूं श्रुति फिर अनुज और आध्या के साथ अपनी यादों को याद कर रोने लगती है वहीं अनुपमा, किंजल से बोलती है कि सॉरी तुझे परेशान किया किंजल उसे जाने से रोकती है, लेकिन अनुपमा इंकार कर देती है किंजल कहती है कि मम्मी कोई आ रहा है तभी किंजल के घर पर यशदीप आता है किंजल बोलती है कि इन्हें मैंने बुलाया था क्योंकि कभी-कभी फैमिली नहीं बल्कि दोस्त की आवश्यकता होती है

किंजल के घर अनुपमा

अनुपमा, यशदीप से कहती है कि मैं सब ठीक करने गई थी, लेकिन सब खराब कर दिया मैं अनुज और श्रुति के बीच आ गई यशदीप कहता है आप किसी के बीच नहीं आई हैं और आप घर चलो, लेकिन तभी किंजल आ जाती है और वह घर पर रुकने को बोलती है यशदीप कहता है कि आप रुको यहां पर अनुपमा मान जाती है और वह कहती है कि तोषू नहीं है तो जब तक वह नहीं आता मैं यहां रुक जाती हूं

आध्या को हुआ शक

श्रुति रेस्टोरेंट से जा रही होती है कि तभी उसका पैर फिसलता है और वह गिरने ही वाली होती है कि अनुज उसे संभाल लेता है अनुज उसे घर चलने को बोलता है और दोनों आध्या से मिलने जाते हैं दोनों घर जाते हैं और आध्या के सामने नॉर्मल रहने का नाटक करते हैं श्रुति कहती हैं कि उसके सामने ठीक रहेंगे नहीं तो आध्या को पैनिक अटैक आ जाएंगे आध्या को संदेह हो जाता है कि कुछ तो हुआ है

आध्या, श्रुति के कमरे में जाती है और पूछती है कि आप लोग कहां गए, लंच क्या किया और टेलीफोन क्यों नहीं उठाया इस पर श्रुति कहती है कि हम डेट पर गए थे, पर्सनल टाइम था तो टेलीफोन साइलेंट पर रखा था वहीं अनुज, अनुपमा की बातें याद कर रोता है

वनराज की शर्त

वहीं शाह हाउस में वनराज बोलता है कि वह अधिक से बात करेगा तभी अधिक वहां आ जाता है वनराज कहता है घर बैठकर बात करें अधिक फिर पाखी से कहता है कि वह ईशानी से मिलकर जाएगा इसके बाद वनराज कहता है कि पाखी और मैंने डिसाइड किया है कि तुम ईशानी से महीने में 1 बार मिल सकते हो और तुम्हें यदि किसी फेस्टिवल में मिलना हो तो मिल सकते हो हम न्यायालय मुद्दे को यहीं समाप्त करते हैं पाखी कहती है कि मैं डरी नहीं हूं बस ईशानी के लिए कह रही हूं वनराज कहता है कि हमने तुम्हारी बात मान ली तो एनओसी पेपर पर साइन कर लो

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