मनोरंजन

सारा अली खान को धार्मिक टिप्पणी से नहीं पड़ता है कोई फर्क

सारा अली खान को धार्मिक टिप्पणी से कोई फर्क नहीं पड़ता. सारा ने बोला कि उनका जन्म सेक्युलर फैमिली में हुआ है. वो सारे धर्मों का सम्मान करती हैं. यदि कोई उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रश्न उठाता है तो वो ऐसे लोगों को तवज्जो नहीं देतीं.

सारा ने यह भी बोला कि उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि कोई उनके खान सरनेम को लेकर प्रश्न क्यों उठाता है. सारा का बोलना है कि वो बेवजह के कॉमेंट्स करने से बचती हैं. हालांकि उनके सामने कोई अन्याय होगा तो वो इसे सहेंगी भी नहीं. बता दें, सारा अली खान कई बार मंदिर में जाने के लिए कट्टरपंथियों के निशाने पर रहती हैं.

मैं उत्तर देना महत्वपूर्ण नहीं समझती
सारा अली खान ने Galatta India से कहा- मेरा जन्म एक लोकतांत्रिक और संप्रभु राष्ट्र के भीतर आने वाले सेक्युलर फैमिली में हुआ है. मुझे फर्क नहीं पड़ता कि कोई मेरी धार्मिक मान्यता के बारे में क्या सोचता है. मैं उन्हें उत्तर देना भी महत्वपूर्ण नहीं समझती. मैं बिना मतलब का इश्यू भी नहीं बनाती.

फिल्में नहीं चलती केवल तब ही बुरा लगता है
सारा ने बोला कि उन्हें बुरा तब लगता है, जब उनकी फिल्में नहीं चलतीं. जब लोगों को उनका काम पसंद नहीं आता. सारा ने कहा- मेरे खाने-पीने, घूमने-फिरने या फिर मेरे रिलिजियस बिलीफ का संबंध केवल मुझसे है. मैं क्या करती हूं, कहां जाती हूं, यह मेरा स्वयं का निर्णय है. मैं इसके लिए कभी किसी के सामने सफाई देने नहीं जाऊंगी.

कई बार कट्टरपंथियों के निशाने पर आईं सारा
सारा अली खान कई बार कट्टरपंथियों के निशाने पर रही हैं. वो आए दिन मंदिरों का दर्शन करती रहती हैं. पिछले वर्ष वो कई बार उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर पहुंची थीं. इसके अतिरिक्त केदारनाथ और अमरनाथ भी दर्शन करने गई थीं. इस दौरान उनके वीडियोज पर हेट कॉमेंट्स आए थे.

सारा इन दिनों नेटफ्लिक्स पर रिलीज फिल्म हत्या बधाई की वजह से सुर्खियों में हैं. 21 मार्च को उनकी एक और फिल्म ऐ वतन मेरे वतन आने वाली है.

 

Related Articles

Back to top button